इसकी संबंधित किसान को मोबाइल पर मैसेज भेजकर जानकारी भी दी गई थी। अधूरे दस्तावेज 15 दिन में पोर्टल पर अपलोड करने थे, लेकिन बड़ी संख्या में आवेदकों ने समय सीमा में दस्तावेज अपलोड नहीं किए, ऐसे में उनके आवेदन निरस्त हो गए थे। उप निदेशक शंकर लाल जाट ने बताया कि जिन किसानों के आवेदन निरस्त हो गए थे, उन्हें अब राहत मिलेगी। इस श्रेणी के किसान 20 जून तक राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन रि-ओपन करवाकर मांगे गए दस्तावेज अपलोड कर कर सकते हैं।
यह काम नजदीकी ई-मित्र पर भी करवाया जा सकेगा। आवेदन के साथ नवीनतम जमाबंदी व नक्शा लगाना होगा। यह 6 माह से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए। जल स्त्रोत की उपलब्धता और पूर्व में योजना का लाभ नहीं लिया गया इसका स्व घोषित शपथ पत्र देना होगा। किसान अनुमोदित फर्मों में से किसी एक का चयन कर सकेंगे।
60 प्रतिशत दी जा रही सब्सिडी
उद्यान विभाग को पीएम कुसुम योजना में बीते वित्तीय वर्ष में जिले के लिए 582 सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य मिला है। उप निदेशक उद्यान ने बताया कि योजना की गाइडलाइन के अनुसार पम्प संयंत्र स्थापित करने वाले किसानों को 60 प्रतिशत सब्सिडी देय है। पूर्व में 7.5 एचपी डीसी व 10 एचपी डीसी एसी पम्प लगाने पर ही अनुदान देय था। अब 3 व 5 एचपी सोलर संयंत्र पर भी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अनुदान मिलने के बाद 7.5 एचपी डीसी पम्प पर किसान को 214638 रुपए और 10 एचपी एसी और डीसी पम्प पर 342555 रुपए, 3 एचपी पर 101124 रुपए और 5 एचपी पर 129221 रुपए कृषक को कृषक हिस्सा राशि के रूप में वहन करने होंगे। विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के उपरांत ही किसानों को हिस्सा राशि स्वयं के स्तर से जरिए डिमाण्ड ड्राफ्ट या आरटीजीएस के माध्यम से जमा करवानी है।