हमसफ़र के गुम जाने पर तड़प उठा दिल सीमा के प्रहरी का,जब
सामने देखा तो जैसे आंसुओ का सावन उमड़ पड़ा गत 29 मई को बारां एडीएम ने उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जांच कराके कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन उपखंड अधिकारी और तहसीलदार ने कोई कार्रवाई नहीं की। बारां के जिला स्तरीय अधिकारियों के चक्कर काटकर परेशान रूपचंद अपनी वृद्ध मां के साथ गत 5 जून को संभागीय आयुक्त से मिलने कोटा आए, लेकिन वे नहीं मिले। इसके बाद शुक्रवार को दुबारा संभागीय आयुक्त से मिलने आए, लेकिन वे दफ्तर में नहीं मिले। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त प्रियंका गोस्वामी ने उनकी बात सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद वह अपने बेटे के साथ पत्रिका कार्यालय पहुंची और पीड़ा बताई।
सामने देखा तो जैसे आंसुओ का सावन उमड़ पड़ा गत 29 मई को बारां एडीएम ने उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जांच कराके कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन उपखंड अधिकारी और तहसीलदार ने कोई कार्रवाई नहीं की। बारां के जिला स्तरीय अधिकारियों के चक्कर काटकर परेशान रूपचंद अपनी वृद्ध मां के साथ गत 5 जून को संभागीय आयुक्त से मिलने कोटा आए, लेकिन वे नहीं मिले। इसके बाद शुक्रवार को दुबारा संभागीय आयुक्त से मिलने आए, लेकिन वे दफ्तर में नहीं मिले। अतिरिक्त संभागीय आयुक्त प्रियंका गोस्वामी ने उनकी बात सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद वह अपने बेटे के साथ पत्रिका कार्यालय पहुंची और पीड़ा बताई।