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नियमों में अटकी मंडी सरकार!

locationकोटाPublished: Jan 14, 2018 01:24:42 am

Submitted by:

Anil Sharma

प्रदेश की उपज मंडियों का कार्यभार समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने मंडी समितियों के चुनाव कराने के लिए मंडी अध्यक्ष की आरक्षण लाटरी निकाली।

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प्रदेश की उपज मंडियों का कार्यभार समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने मंडी समितियों के चुनाव कराने के लिए मंडी अध्यक्ष की आरक्षण लाटरी निकाली

रामगंजमंडी. प्रदेश की कृषि उपज मंडियों का कार्यभार समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने मंडी समितियों के चुनाव कराने के लिए मंडी अध्यक्ष की आरक्षण लाटरी निकाल ली। नई मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुए करीब डेढ़ साल बीत गया लेकिन राज्य सरकार इन मंडियों के चुनाव नहीं करा पाई। अब इसी साल तय विधानसभा चुनाव से पूर्व मंडी चुनाव होने की उम्मीद नहीं रही है। इस वर्ष मंडी समितियों के चुनाव में राज्य सरकार का आदेश सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जिस वर्ष में मंडी के चुनाव कराए जाने होते हैं, उस वर्ष में मतदाता सूची तैयार करना अनिवार्य है। पुरानी मतदाता सूची से चुनाव नहीं कराए जा सकते। नई मतदाता सूची तैयार करने व इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो -तीन माह का समय लगने व इसी वर्ष विधानसभा चुनाव तय होने से मंडी चुनाव की संभावनाएं क्षीण हो चुकी हैं।
डेढ़ वर्ष पूर्व खत्म हो चुका कार्यकाल
्ररामगंजमंडी कृषि उपज मंडी में 25 सितम्बर 16 को मंडी समिति के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हुआ था। कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकार ने मंडी समिति अध्यक्षों की आरक्षण लॉटरी निकाली। आरक्षण में मंडी समिति अध्यक्ष पद सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। चुनाव में आठ कृषक वर्ग में कौन कहां से लड़ेगा इसकी बिसात बिछाने का दौर शुरू हुआ। इस बीच निर्वाचन अधिकारी ने मतदाता सूची का प्रकाशन करने की तैयारी प्रारंभ कर दी। मतदाता सूची तैयार होकर आई तो संभावित दावेदारों की तरफ से अध्यक्ष के नाम उछाल दिए गए। चुनाव तिथि का इंतजार शुरू हो गया। वर्ष 16 के अंतिम दिनों तक चुनाव तिथि घोषित नहीं हुई तो उम्मीदवारी जता रहे लोग मायूस हो गए। वर्ष 2017 में चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर विचार- विमर्श हुआ तो सरकार की ओर से बनाया गया नियम बाधक बन गया। इस नियम में प्रावधान किया है कि जिस वर्ष में चुनाव होंगे उसी वर्ष में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कराना जरूरी है। ऐसे में वर्ष 16 की मतदाता सूची के स्थान पर वर्ष 17 में फिर से नई मतदाता सूची का प्रकाशन करने की कार्रवाई शुरू की गई। 21 अप्रेल 17 को दूसरी मतदाता सूची जारी हो गई लेकिन इस वर्ष भी चुनाव की तिथि तय नहीं हुई।
फिर तैयार करनी होगी मतदाता सूची
जानकारों का मानना है कि वर्ष 17 समाप्त हो गया वर्ष 18 में मंडी समिति के चुनाव सरकार कराना चाहती है तो उसे वर्ष 18 की मतदाता सूची फिर तैयार करवाने की प्रक्रिया अपनानी होगी जिसमें दो से तीन माह का समय लगेगा। इसी वर्ष में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में इस बात की संभावनाएं कम हैं कि मंडी समिति के चुनाव संपन्न हो जाए। चुनाव नहीं होने पर प्रशासकों के हाथ ही मंडी की बागडोर रहेगी।

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