साथ ही, उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। बाल अधिकारिता विभाग की पहल योजना के तहत 25 हजार रुपए की राशि दी जाएगी, लेकिन इसे दुर्भाग्य कहें या कुछ ओर कि सात सालों में अब तक इनामी राशि का लाभ कोटा जिले में किसी भी व्यक्ति को नहीं मिला। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि आज तक किसी भी व्यक्ति ने विभाग को बाल श्रम की सूचना तक नहीं दी।
सामने आ सकेंगे मामले
सरकारी स्तर पर सोच यह है कि बाल श्रम चोरी छिपे हो रहा है। इसी कारण बाल कल्याण अधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं मिल पाती है। ऐसे में पहल योजना के जरिए इनाम से बाल श्रम पूरी तरह रोका जा सकेगा। जिले में एक साल में 709 बाल श्रमिकों को बाल श्रम से मुक्त करवाकर उनका पुनर्वास भी किया गया।
पहली किश्त में 10 हजार
विभागीय जानकारी के अनुसार सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखते हुए सूचना का सत्यापन किया जाएगा। सूचना सत्य पाए जाने पर संस्था अथवा व्यक्ति को 10 हजार रुपए मिलेंगे। मामले में अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप दाखिल होने पर 5 हजार रुपए दिए जाएंगे। उसके बाद न्यायालय से अभियुक्त के खिलाफ दोष सिद्ध हो जाने पर सूचना देने वाले को 10 हजार रुपए दिए जा सकेंगे। बाल श्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के तहत देखरेख की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
विभागीय जानकारी के अनुसार सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखते हुए सूचना का सत्यापन किया जाएगा। सूचना सत्य पाए जाने पर संस्था अथवा व्यक्ति को 10 हजार रुपए मिलेंगे। मामले में अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप दाखिल होने पर 5 हजार रुपए दिए जाएंगे। उसके बाद न्यायालय से अभियुक्त के खिलाफ दोष सिद्ध हो जाने पर सूचना देने वाले को 10 हजार रुपए दिए जा सकेंगे। बाल श्रम से मुक्त करवाए गए बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के तहत देखरेख की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
किसको दी जाए सूचना
बाल श्रम की रोकथाम के लिए शुरू की गई पहल योजना के तहत कम उम्र के बच्चे से बंधुआ मजदूरी करवाना, बाल श्रम के लिए प्रेरित करना, लालच देकर अनैतिक कार्य करवाना, भीख मंगवाना आदि बाल श्रम की सूचना देने पर इनाम दिया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन एवं कलक्टर को भी सूचना दी जा सकती है।
बाल श्रम की रोकथाम के लिए शुरू की गई पहल योजना के तहत कम उम्र के बच्चे से बंधुआ मजदूरी करवाना, बाल श्रम के लिए प्रेरित करना, लालच देकर अनैतिक कार्य करवाना, भीख मंगवाना आदि बाल श्रम की सूचना देने पर इनाम दिया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन एवं कलक्टर को भी सूचना दी जा सकती है।
बाल श्रम को रोकने के लिए विभाग उठाएगा कदम जिला बाल संरक्षण इकाई की उप निदेशक सविता कृष्णिया ने बताया कि पहल योजना के तहत बाल श्रम को रोकने के लिए इनामी योजना का मकसद बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करना है। इस संबंध में विभाग भी आवश्यक कदम उठाएगा। विभाग का प्रयास है कि बाल श्रम की गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
उन्होंने बताया कि इसके लिए हर आम आदमी को जागरूक रहते हुए चाइल्ड लाइन को तुरंत सूचना देनी चाहिए, ताकि बाल मजदूरी करने वाले बच्चे बाल श्रम से मुक्त होकर समाज से जुड़ सके। साथ ही, सरकारी योजना का लाभ दिया जा सके। विभाग लोगों में जागरूकता लाने तथा बाल श्रम को पूरी तरह रोकने के लिए आवश्यक प्रयास करेगा।