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माता-पिता का सेवक ‘हीरो नंबर वन’

locationकोटाPublished: Jul 13, 2018 12:33:08 am

Submitted by:

shailendra tiwari

‘हैप्पीनेस सिटी’ इनीशिएटिव का भव्य आगाज, कोचिंग विद्यार्थियों में झलका उत्साह
 

govinda

माता-पिता का सेवक ‘हीरो नंबर वन’

कोटा.अपने अंदाज से करोड़ों चेहरों पर हंसी बिखरने वाले बॉलीवुड स्टार गोविंदा गुरुवार को जैसे ही कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों के बीच आए, हजारों चेहरे खिल उठे। उन्होंने कहा कि यदि आप खुश रहना चाहते हैं तो दिन की शुरुआत ‘मातृ देवो भव:’ से करें, माता-पिता की सेवा करने वाले कभी दु:खी नहीं हो सकता। माता-पिता की सेवा करो, जिंदगी का आनंद लो, बस यहीं सबसे बड़ी खुशी है।

‘हैप्पीनेस सिटी’ इनीशिएटिव के बैनर तले हुए रंगारंग कार्यक्रम में उन्होंने इस अभियान का आगाज किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जीवन में ‘अवस्था’ चाहे जैसी हो, उसकी सही ‘व्यवस्था’ माता-पिता, गुरू और ईश्वर ही करते हैं। जिंदगी में जो हम कहें या जो हम करें, उसमें वास्तु, शब्द या व्यवस्था का दोष न लगे, इसके लिए मां का आशीर्वाद हमेशा साथ लेकर चलें। आप थोड़ा भी अच्छा करते हैं तो माता-पिता खुश हो जाते हैं। गोविंदा जैसे ही इंद्रविहार स्थित एलन के सद्भाव सभागार पहुंचे तो हजारों विद्यार्थी उनकी झलक देखने और सेल्फ ी लेने के लिए उमड़ पड़े। उन्होंने हाथ हिलाकर विद्यार्थियों का अभिवादन स्वीकारा।
खचाखच भरे सभागार में उन्होंने कोचिंग विद्यार्थियों से कहा कि जो इंसान हंसता रहता है, सहज है, सरल है, वह अपने आप में हीरो हैं। हम बालीवुड में हीरो ढूंढते हैं, लेकिन जो अच्छी शिक्षा देकर जिंदगी में सफ ल इंसान बना दे, ऐसे शिक्षक हीरो नंबर-1 हैं।
पोस्टर व कार्ड का विमोचन
कार्यक्रम में कन्वीनर अमन माहेश्वरी ने राजस्थानी साफ ा पहनाकर सिने स्टार गोविंदा का स्वागत किया। उन्होंने केक काटकर ‘हैप्पीनेस सिटी’ अभियान का शुभारंभ किया। साथ ही हैप्पीनेस पोस्टर व हैप्पीनेस कार्ड का विमोचन भी किया। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज कोटा के प्रिसिंपल डॉ. गिरीश वर्मा, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी, बृजेश माहेश्वरी, पीबी सक्सेना व डॉ. केजी वाष्र्णेय सहित अन्य अतिथि मौजूद रहे।
किस पर क्या बोले

1. खुशियों पर: अपने आपको पहचानो

उन्होंने कहा कि राजस्थान की धरती में गायत्री और सावित्री दोनों देवियां हैं। जहां देवियों का वास हो, वहां खुशियां अवश्य मिलती हैं। जब स्कूल में हम पढऩे जाते थे, वहां रास्ता नहीं था। पढऩा दुश्वार होता था। टेढ़े-मेड़े रास्तों से होकर चलते। आप तो लकी हो, पहले अपने को पहचानो, फिर पीछे माता-पिता को देखो। उसके बाद आगे की सोचो। अपने भीतर से खुशियों के खजाने को बाहर निकालो।
2. खुद पर: मां की बदौलत मशहूर हुआ गोविंदा

अभिनेता गोविंदा ने बताया कि 3 साल की उम्र में मुझे बीमारियों ने घेर लिया। हाथ-पैर काम नहीं करते थे। हर 3-4 माह में बुखार आता था। सोचता था कि कैसे बीमारी से बाहर निकलूं, तब मां ने एक बाबा को बुलाया और मुझसे उनकी सेवा करने को कहा। मैं रोज उनके हाथ-पैर दबाता। एक दिन उन्होंने कोई बूटी दी और कहा कि रोज आसन पर बैठकर गायत्री मंत्र का जाप करो। मैंने वही किया, जिससे आज तक कभी बीमार नहीं हुआ। यकीन मानिए, मां की शक्तिसे ही मैं बॉलीवुड में गोविंदा बन गया।
3. डांस पर: डांस वही जो डांस नहीं है
विद्यार्थियों को हैप्पीनेस से जोड़ते हुए उन्होंने अमन माहेश्वरी के साथ ‘किसी डिस्को में जाएं…गाने पर ठुमके लगाए तो तालियां गूंज उठी। हंसी के अंदाज में उन्होंने कहा कि डांस वही है जो डांस नहीं है। आप मुंबई की ट्रेन में सफ र करके देख लें डांस करना सीख जाएंगे। अंत में अपनी एक फि ल्म का डायलॉग सुनाया-‘इतनी खुशी मुझे आज तक कभी नहीं हुई…। उन्होंने अपना पंसदीदा गाना ‘जैसी करनी, वैसी भरनी… भी सुनाया।
4. बारिश पर: ये खुशियों की बौछारें

दूसरे सत्र में लैंडमार्क सिटी में गोविंदा हजारों कोचिंग विद्यार्थियों से मिले। बरसात में भीगते बच्चों को देखकर खुश हो उन्होंने कहा कि बारिश नहीं ये खुशियों की बौछारें हैं। इस मौके पर पीसीसी महासचिव पंकज मेहता, युवा उद्यमी दीपक राजवंशी सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। कार्यक्रम संयोजक सिद्धार्थ जैन ने बताया कि दोनों स्थानों पर पांच हजार से अधिक विद्यार्थियों को हैप्पीनेस बैज वितरित किए गए।

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