कोटा

हिरासत में हनुमान की मौत, पत्नी ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप, कहा शव पहुंचने से पहले ही चिता तैयार कर दी,अंतिम दर्शन भी नही करने दिए,

Hanuman’s death in custody मौत के बाद पुलिस ने शव जलाने में दिखाई जल्दबाजी
 

कोटाAug 25, 2019 / 08:46 pm

Suraksha Rajora

हिरासत में हनुमान की मौत, पत्नी ने पुलिस पर लगाया हत्या का आरोप, कहा शव पहुंचने से पहले ही चिता तैयार कर दी,अंतिम दर्शन भी नही करने दिए,

कोटा. महावीर नगर थाने में शांति भंग के मामले में पकड़े गए एक व्यक्ति की मौत के मामले में यह बात सामने आई है कि पुलिस ने शव के अंतिम संस्कार कराने में हड़बड़ी की। शव पहुंचने से पहले ही चिता बना दी, रिश्तेदारों को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया। पोस्टमार्टम भी परिजनों को बिना सूचना दिए कराया।
मृतक हनुमान की पत्नी नाथीबाई ने बताया कि पति को गिरफ्तार करने की सूचना तक नहीं दी। मौत होने के काफी देर बाद उन्हें थाने बुलाया। जब यह बात समाज के लोगों को पता चली तो उन्होंने रविवार को बैठक बुलाई। बैठक की सूचना मिलते ही पुलिस यह पता करने में सक्रिय हो गई कौन बैठक कर रहा है। बैठक को रुकवाने भी कोशिश की।

उनका आरोप है कि पुलिसकर्मी हर स्तर पर मामले को दबाने के लिए सादा वर्दी में जासूसी कर रहे हैं। अखिल भारतीय कोली समाज की बैठक रविवार को दादाबाड़ी स्थित समाज के छात्रावास में हुई। इसमें पुलिस हिरासत में हनुमान की मौत की निंदा की गई और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई।
समाज की प्रदेश मंत्री किरण महावर ने बताया दोषी पुलिस कर्मिकों को तत्काल सेवामुक्त किया जाना चाहिए। मृतक के परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा इसलिए घर के एक सदस्य को सरकारी नौकर दी जाए। इसके साथ 20 लाख रुपए मुआवाज दिया जाए। मृतक के पांच बच्चे हैं।
मृतक की पत्नी नाथी बाई ने बताया कि जब उनके पति की थाने में मौत हो गई तब पुलिस की गाड़ी घर आई, लेकिन यह नहीं बताया कि पति की मृत्यु हो चुकी है। कांस्टेबल ने पांच मिनट के लिए थाने चलने के लिए कहा, मैने सोचा कि एक सप्ताह पहले बेटी के साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उस संबंध में बुलाया है क्योंकि पति की गिरफ्तारी की सूचना ही नहीं थी।
थाने में ले जाकर शव सुपुर्द करने के कागजों पर हस्ताक्षर करवाते समय तक मृत्यु होने का तथ्य छिपाया। नाथीबाई ने बताया कि वह सिर्फ हस्ताक्षर करना जानती वो और उसके बच्चे अनपढ़ हैं। परिजनों को थाने से शव के साथ नहीं आने दिया। घर सिर्फ पांच मिनट लाश को रोका गया, रिश्तेदारों को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया।
पुलिस ने खुद ही शव वाहन बुलाया और पुलिसकर्मी श्मशान भी गए और शव को जलाने के लिए जल्दबाजी की। शव के पहुंचने से पहले ही चिता तैयार दी। शव को जल्दी जलाने के लिए पेट्रोल डाला गया।
मृतक की बेटी प्रीति और बेटे विजय ने बताया कि उनके पिता को कोई बीमारी नहीं थी, पुलिस ने क्यो पकड़ा यह भी नहीं बताया और थाने में हत्या कर दी। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पुलिस पूरी घटना को दबाने का प्रयास कर रही है। समाज की ओर से सोमवार को जिला कलक्टर को निष्पक्ष जांच के लिए ज्ञापन दिया जाएगा।
 
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