यह बात मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने हम लोग संस्था की ओर से गुरुवार को आईएमए में आयोजित कोरोना रोगियों एवं नर्सिंग कर्मियों के संवाद कार्यक्रम ‘ना हो हताश होगा उजास्यÓ को सम्बोधित करते हुए कही।डॉ. सरदाना ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 का विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध है, लोगों को सिर्फ विश्वास रखने की जरूरत है। उन्होंने आमजन से सहयोगात्मक वातावरण बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने बताया कि कोरोना के प्रारंभिक दौर में यहां मात्र 16 बेड पर ऑक्सीजन उपलब्ध हो रही थी, जबकि आज श्वांस के 260 रोगियों को यह सुविधा उपलब्ध है। वर्तमान में 330 ऑक्सीजन पाइंट उपलब्ध हैं, जबकि 240 पाइंट और लगाए जा रहे हैं। साथ ही एक ऑक्सीजन संयंत्र चालू कर दिया गया। अगले सप्ताह तक एक और चालू हो जाएगा।
इसी प्रकार 50 वेंटिलेटर उपलब्ध कराए जा चुके हैं। जबकि 125 नए वेंटिलेटर शीघ्र आने वाले हैं। हॉस्पिटल में चिकित्सकों की संख्या बढ़ा दी गई। वरिष्ठ चिकित्सकों को शामिल करते हुए एक मॉनिटरिंग कमेटी भी गठित की गई है। उन्होंने बताया कि जल्दी ही पांच वार्ड वातानुकूलित कर दिए जाएंगे। 100 नए पंखे भी शीघ्र प्राप्त होने वाले हैं। चिकित्सा कर्मियों की कोविड.19 की जांच के लिए नए अस्पताल व एमबीएस अस्पताल में दोपहर एक से दो बजे तक का समय निर्धारित किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ. नीलेश जैन ने कहा कि सरकार के नए आदेश के बाद रोगी के परिजनों को साथ रहने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके प्रोटोकॉल की पालना कोई भी नहीं कर रहा। उन्हें प्रोटोकॉल की पालना करनी होगी। नए अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने कहा कि अस्पताल के टॉयलेटों की सफ ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। स्टाफ की कमी को लेकर 90 नर्सिंगकर्मी, 10-10 ईसीजी टेक्निशियनों व लैब टेक्नीशियनों की डिमांड सरकार को भेजी गई है।
– इन्होंने किया संवाद कोविड पॉजिटिव रहे जनार्दन गुप्ता, जाकिर रिजवी, पंकज गुप्ता, सुमीर सांचौरा व अटेंडेंट रहे सौरभ शर्मा ने व्यवस्थाओं में सुधार के उपाय बताए। कोरोना पॉजिटिव रहे नर्सिंगकर्मी हरिचरण सोनी, शीला कुमारी, बद्री मीणा व नीरज कुमारी ने अपने कार्यक्षेत्र की परेशानी का जिक्र किया। हम लोग संस्था के संयोजक डॉ. सुधीर गुप्ता ने अस्पताल में रोगियों के लिए हेल्प डेस्क एवं एंड्राइड गु्रप बनाने जैसे सुझाव दिए। संचालन धीरज गुप्ता एवं संयोजन बीटा स्वामी ने किया।