scriptजिस थाने को दी प्रथम राज्य में रेकिंग, वहां नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार | head constable admit to acb that he was doing bribe recovery for SHO. | Patrika News

जिस थाने को दी प्रथम राज्य में रेकिंग, वहां नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार

locationकोटाPublished: Feb 25, 2020 06:15:12 pm

Submitted by:

Deepak Sharma

सम्मान से पहले धरा गया थाने का हेड कांस्टेबल, प्रारंभिक जांच में बोला थानाधिकारी के लिए कर रहा था रिश्वत की वसूली

जिस थाने को दी प्रथम राज्य में रेकिंग, वहां का नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार

जिस थाने को दी प्रथम राज्य में रेकिंग, वहां का नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार

कोटा.राज्य के पुलिस मुख्यालय की ओर से जिस चेचट थाने को वार्षिक परफारमेंस मेजरमेंट सिस्टम (पीएमएस) रिपोर्ट के अनुसार सम्मान के लिए पहला स्थान मिला, उस थाने में ही बजरी के लिए वसूली का खेल चल रहा था। सोमवार को झालावाड़ एसीबी द्वारा धरे गए हेड कांस्टेबल ने प्रारंभिक पूछताछ में ही अवैध बजरी के बदले मंथली वसूली और थानाधिकारी की मिलीभगत का खुलासा किया। अब चेचट थाने को राज्य के नम्बर एक थाने के रूम में 1 मार्च को सम्मानित करने की घोषणा पुलिस के आला अधिकारियों की गलफांस बन गई।
दरअसल उदयपुर के महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा कोटा ग्रामीण के पुलिस थाना चेचट को वार्षिक परफारमेंस मेजरमेंट सिस्टम (पीएमएस) रिपोर्ट के आधार पर महाराणा मेवाड़ विशिष्ट सम्मान से 1 मार्च 2020 को सम्मानित किया जाना था। चेचट थाना इस रिपोर्ट में औसतन 140.50 अंकों के साथ प्रथम रैंक हासिल कर राजस्थान का सिरमौर बना था। कोटा जिले की रामगंजमंडी तहसील का कस्बा चेचट, कोटा मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर है।
इन मानकों पर घोषित किया था नम्बर वन
कोटा जिले के चेचट थाने में आने वाले हर व्यक्ति की तुरन्त सुनवाई की जाती है। नियमों के अनुसार किसी भी थाने में लंबित मामले दस फीसदी से ज्यादा नहीं होने चाहिए, लेकिन चेचट थाने में इसे पांच प्रतिशत से ज्यादा होने ही नहीं दिया जाता। सूचना मिलने के बाद इनकी कोशिश अधिकतम पांच मिनिट में मौके पर पहुंचने की होती है। दूरदराज के क्षेत्र में निकटतम गश्ती दल को भेजा जाता है, इस आधार पर जनता के बीच चेचट थाने की छवि अच्छी है।
महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन वार्षिक सम्मान समारोह में इस सम्मान के तहत चेचट थाने को प्रशस्ति पत्र, मेडल, तोरण व पच्चीस हजार एक का चैक प्रदान कर महाराणा मेवाड़ विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया जाना था, लेकिन इससे पहले से अवैध बजरी के बदले मंथली वसूली में धरा गया।
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