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कोटा

बरसात का कहर: खेतों में हजारों बीघा सोयाबीन और उड़द चौपट

सीएडी अधिकारियों की लापरवाही से भरा पानी, सांसद बिरला ने मौके से संभागीय आयुक्त को बताए हाल

कोटाSep 10, 2018 / 04:00 pm

shailendra tiwari

kota news

बरसात का कहर: खेतों में हजारों बीघा सोयाबीन और उड़द चौपट


कोटा. जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों बीघा सोयाबीन और उड़द की फसल चौपट हो गई। बारिश के दूसरे दिन खेतों में दो-दो फीट पानी भर हुआ था। किसान खेतों की मेड़ पर बेबस बैठकर बर्बादी का मंजर देखने को विवश हैं। ज्यादा खराबा सुल्तानपुर और इटावा क्षेत्र में हुआ है। प्रारम्भिक जानकारी के मुताबिक 50 हजार बीघा फसल चौपट हो गई।
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जिले में रविवार को खराबे का जायजा लेने गए कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला किसानों की पीड़ा सुनकर भावुक हो गए। उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि आपदा की घड़ी में सरकार आपके साथ है। सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। बिरला ने कृषि विशेषज्ञों व प्रशासन के साथ घुटनों तक पानी से भरे खेतों में जाकर फसल खराबे की जानकारी ली। पत्रिका टीम ने गांवों में जाकर फसलों की ग्राउण्ड रिपोर्ट तैयार की। सुल्तानपुर क्षेत्र की चार ग्राम पंचायतों बिलाई, मोरपा, खेरला, भुनेन के माल में सोयाबीन और उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सीएडी के खेत सुधार कार्यक्रम (कैचमेंट) में बनाई गई ड्रेनेज का पानी खेतों में घुस गया। इस कारण खेत लबालब हो गए, पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। चारों ग्राम पंचायतों में करीब 20 हजार बीघा फसल को नुकसान हुआ है। उड़द की फसल में 80 फीसदी तथा सोयाबीन की फसल में 50 से 60 फीसदी तक नुकसान हुआ है। लाखसनीजा गांव में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिली। यहां भी खेतों में दो-दो फीट पानी भरा हुआ था। इटावा क्षेत्र के डेढ़ दर्जन गांवों में फसलों को नुकसान हुआ है। अतिवृष्टि के कारण मक्का की फसल आड़ी पड़ गई। उधर सांगोद, रामगंजमंडी, मोईकलां, चेचट, कुंदनपुर क्षेत्र में भी फसलों में 60 से 80 फीसदी खराबा हुआ है।
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बिरला ने कोटा जिले के ग्राम सनीजा बावडी, खेरूला, जलोदा खालियान, विनायका, अयाना, लुहावद, गणेश खेडा, डंडावत, पीपल्दा सहित विभिन्न गांवों में पहुंचकर हालात का जायजा लिया। लुहावद व पीपल्दा क्षेत्र में जल भराव के कारण कई मकान पूरी तरह से ढह गए हैं और कई क्षतिग्रस्त हो गए। सनीजा बावडी के किसान भैरूलाल ने कहा कि बेटी की शादी करनी थी लेकिन अब फसल खराब होने से खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं। किसानों ने फसल खराब होने पर अपना दर्द बयां किया। सांसद ने अतिरिक्त जिला कलक्टर को कहा कि कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर खराब फसल का सर्वे करवाएं, किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना का लाभ दिलवाएं। सांसद के साथ जिला परिषद सदस्य प्रेम गोचर, मोरपा के पूर्व सरपंच सतपाल मान, पूर्व उपसरपंच नरेश शर्मा, राजकुमार नंदवाना, देवेश भारद्वाज, भाजपा जिला मंत्री महेन्द्र चौधरी, भाजपा युवामोर्चा के जिला महामंत्री मुकेश आदि साथ थे।

इल्लियां मरी, फायदा भी
लाडपुरा क्षेत्र में फसलों को बारिश से फायदा हुआ है। सोयाबीन में इल्ली का प्रकोप फैल गया था और हालत यह हो गई थी कि इल्ली रातों-रात खेत के खेत चट कर रही थी, लेकिन जोरदार बारिश होने के कारण इल्लियां मर गई। इससे इल्ली प्रकोप वाले क्षेत्र के किसानों को राहत मिली है।

60 फीसदी नुकसान
उड़द की फसल पकाव की स्थिति में आ गई थी, लेकिन खेतों में पानी भरने से अस्सी फीसदी फसल खराबा हो गया है। सोयाबीन की फसल में करीब 60 फीसदी नुकसान हुआ है।
डॉ. बलराम, कृषि वैज्ञानिक,
कोटा कृषि विवि

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