इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर टीका लगाती हैं और उनके लंबे उम्र की कामना करती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भाई दूज पर खुद यमराज ने अपनी बहन यमुना के घर जाकर टीका लगवाया था और भोजन किया था। यमराज ने आशीर्वाद दिया कि इस दिन जो भाई अपनी विवाहित बहन के घर जा कर टीका करवाएगा और भोजन करेगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।
मान्यता है कि इसके बाद से ही भाईयों का बहन के घर जा कर टीका लगवाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन कई जगहों पर बहनें भी भाई के लिए व्रत रखती हैं। बहनें इस दिन पूजा की थाल सजाकर भाई के सामने बैठती हैं। उसके माथे पर तिलक लगाती हैं और फिर भाई की आरती उतारती हैं और मिष्ठान खिलाती है।