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Holi Special: जिंदगी में पहली बार रामपाल ने देखे होली के रंग, 38 की उम्र में लौटी आंखों की रोशनी

locationकोटाPublished: Mar 02, 2018 12:44:27 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

महज एक साल की नासमझ उम्र में आंखें की रोशनी चली जाने 37 साल से वह सिर्फ एक ही रंग जानता था, घनघोर काला अंधेरा। अब होली के बिखरते रंगों को देख रोमांचित हो जाता हूं।

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कोटा . महज एक साल की नासमझ उम्र में आंखें की रोशनी चली जाने 37 साल से वह सिर्फ एक ही रंग जानता था, घनघोर काला अंधेरा। होली पर जब गांव में मस्तानों की टोलियां गुजरतीं तो दिल खूब मचलता लेकिन आंखों की बेबसी मायूस कर देती…। लेकिन, इस होली पर अब वह जीवन के सभी रंग देख सकता है, महसूस कर सकता है और बच्चों के साथ होली खेल रहा है। अब तक कानों में गूंजती रही होली की हुड़दंग को अपनी आंखों से देख देखकर रोमांचित हो उठता है।
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रामपाल ने कहा, मेरी जिंदगी के 37 साल बेरंग ही निकले। होली के रंग कैसे होते हैं यह कभी नहीं देख पाया। शुक्र है भगवान का, आज हर पल होली के बिखरते रंगों की कल्पना मात्र से अब रोमांचित हो जाता हूं। जिन्दगी के 38 बसंत बेरंग बिताने वाले बूंदी के नानापुरिया गांव निवासी युवक रामपाल सैनी बताता है कि बीमारी के कारण एक साल से भी कम की अवस्था में वह दृष्टिहीन हो गया था। माता-पिता ने खूब इलाज कराया पर रोशनी नहीं आ सकी। नेत्रहीन व निर्धन होने से थोड़ा बड़ा होने पर परिवार ने भी उसका साथ छोड़ दिया।
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शिक्षक आमीन ने उसे अजमेर के अंध विद्यालय में जाने की सलाह दी। वहां 12वीं तक पढ़ा। उसके बाद बूंदी आकर बीए और बीएड किया। इसी बीच रामपाल के मामा वीरमदेव सैनी ने उसे नेत्रदान के क्षेत्र में कार्य कर रही शाइन इंडिया फाउंडेशन की जानकारी दी। यहां संस्था से संपर्क साधा। संस्था ने उसका जयपुर में चेकअप कराया। छह माह पहले ही उसकी आंख में कॉर्निया (पुतली) का सफल प्रत्यारोपण किया गया।
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रामपाल बताता है कि अब वह ठीक से दुनिया को देख रहा है लेकिन होली की हुड़दंग उसके कानों में ही गूंजती है। पहले हर बार एक कोने में बैठ जाता था ताकि कहीं ठोकर खाकर गिर ना जाए। लेकिन इस बार सब कुछ दिखाई देने से बहुत जिज्ञासा है। होली पर गांव में ही रहूंगा और परिवार के लोगों के साथ सभी को रंग लगाउंगा।
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जगा रहा अलख
खुद का जीवन रोशन होने के बाद रामपाल अब नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा हैं। उनके भांजे वीरम की शादी कुछ दिन पूर्व ही हुई है, वहीं भांजी सुगना की शादी 5 मार्च को है, इसमें वे आने वाले सभी मेहमानों को नेत्रदान के प्रति जागरुक करेंगे।
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