मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक मरीज की पहली जांच 8 अगस्त को हुई थी। 10 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट किया। होम आइसोलेशन के दौरान मरीज ने 10 अगस्त को एक बार फि र सेम्पल दे दिया। इसकी 12 अगस्त को रिपोर्ट में नेगेटिव आई। 14 अगस्त को मरीज की तबीयत बिगड़ी तो परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चूंकि मरीज ने 10 अगस्त को ही अस्पताल से जाते वक्त डिस्पेंसरी में कोविड सेम्पल दिया था। गाइड लाइन के मुताबिक दो बार की जांच में नेगेटिव आने के बाद मरीज पॉजिटिव श्रेणी से बाहर माना जाता है। 10 अगस्त को पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट कर दिया। इधर, सीएमएचओ की टीम को 13 अगस्त तक मरीज की लोकेशन ही नहीं मिली। रिपोर्ट में मरीज का पता गोविंद नगर लिखा हुआ था, जबकि वह डीसीएम के पास रहता था। तीन दिन तक सीएमएचओ की टीम मरीज को तलाश नहीं पाई। इधर, होम आइसोलेशन में होने के बावजूद पॉजिटिव मरीज घर से बाहर निकलकर कोविड का सेम्पल देकर आ गया।