कंप्यूटर ने नहीं देखा ऊपर वाले ने देख लिया’..आयुक्त सीट छोड़ भागा, दलाल को जेल भेजा… कहानी घूस राजा आयकर आयुक्त की रविंद्र मलिक के बर्खास्त होने के बाद police विभाग में खासी हलचल है । नशामुक्ति केंद्र (Drug de-addiction center) संचालक तेजवीर मलिक ने 16 जनवरी 2019 को विज्ञाननगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि निलंबित हैड कांस्टेबल रविंद्र मलिक और योगेश व एक युवती उसे अपहरण और बलात्कार के झूठे केस में फंसाने की धमकियां दे रहे हैं। वो 10 लाख रुपए नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।
एसपी दीपक भार्गव के आदेश पर विज्ञान नगर पुलिस ने रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया था। पीड़ित ने इस मामले में निलंबित हैड कांस्टेबल रविंद्र की मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस की साख पर भी सवाल उठे थे। मामले की जांच गुमानपुरा पुलिस को सौंप दी गई। इस मामले में आरोपी आरकेपुरम निवासी सुधीर श्रीवास्तव एवं दो युवतियों तथा श्रीपुरा निवासी रियाज उर्फ मच्छी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मामले में एक युवती की जमानत हो चुकी है।
पुलिस ने मामले में चारों आरोपियों को जांच में दोषी मानते हुए उनके खिलाफ चालान पेश किया है। जबकि पुलिस ने मामले में फरार हैड कांस्टेबल रविंद्र मलिक एवं योगेश बाबू वर्मा के खिलाफ जांच लंबित रखी । मामले में पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने निलंबित हैड कांस्टेबल रविंद्र मलिक को बर्खास्त कर दिया।