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honey trap case: मलिक की पुलिस में रहेगी ‘नो एंट्री’ हाईकोर्ट ने ख़ारिज की याचिका

locationकोटाPublished: Aug 01, 2019 09:43:57 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

honey trap case पुलिस सेवा से बर्खास्तगी रहेगी कायम, पुलिस के निर्णय को हाईकोर्ट में किया था चेलेंज
 

honey trap case update accused constable ravindra malik sacking

honey trap case: मलिक की पुलिस में रहेगी ‘नो एंट्री’ हाईकोर्ट ने ख़ारिज की याचिका

कोटा. प्रोपर्टी डीलर पर जानलेवा हमले व युवक को हनीट्रेप के मामले में फंसाकर ब्लेकमेल करने के मामले में दोषी पाए जाने वाले 20 जून को पुलिस सेवा से बर्खास्त किए गए हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक द्वारा हाईकोर्ट में पुलिस प्रशासन के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। मलिक को पुलिस अधीक्षक कोटा सिटी दीपक भार्गव ने सेवा से बर्खास्त किया था।
बर्खास्त हेड कांस्टेबल रविन्द्र मलिक के खिलाफ अगस्त 2018 में प्रोपर्टी व्यवसायी अश्वनी उर्फ गोल्डी पर अपराधियों से साथ मिलकर नाग-नागिन मंदिर के निकट उसे जान से मारने की नीयत से फायरिंग की गई थी तथा उसे मरा हुआ समझकर फरार हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने रविन्द्र मलिक समेत 18-20 अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस जांच में हमला रविन्द्र मलिक की शह मिलीभगत से हुआ प्रमाणित हुआ।
मामले की जांच में मलिक की आरोपियों से मिलीभगत, उनके साथ उठना-बैठना व षडयंत्र रच कर हमला करना पाया गया। मामले के 18-20 आरोपियों में से 15 के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में पहले से मामले दर्ज है। इसमें से आरोपी शरीफ इटावा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। जिसके खिलाफ गंभीर प्रकृति के 16 मामले दर्ज है। मुख्य अभियुक्त असलम शेर खान उर्फ चिन्टू के खिलाफ भी 10 प्रकरण दर्ज है।
जिसमें दो हत्या व तीन मामले जानलेवा हमले के है जबकि अन्य आरोपियों पर भी 2 से 6 गंभीर प्रकृति के प्रकरण दर्ज है। इस मामले में मामला दर्ज होने के बाद उसे 6 सितम्बर 2018 को निलम्बित कर उसके खिलाफ जांच शुरू की गई। इसके बाद से रविन्द्र मलिक 4 सितम्बर 2018 से गैरहाजिर चल रहा था।
हनीट्रेप मामले में पाया दोषी –
निलम्बित होने के बाद भी रविन्द्र मलिक ने सबक नहीं लिया और इसके बाद उसने दो युवतियों व विज्ञान नगर में तैनात एक अन्य तत्कालीन हेड कांस्टेबल योगेश बाबू शर्मा के साथ मिलकर नशा मुक्ति का काम करने वाले एक युवक को हनीट्रेप के मामले में फंसाकर 10 लाख रुपए की वसूली का प्रयास किया।
इस मामले में भी जांच में मलिक दोषी पाया गया। जिस पर मामले में न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया है। इसके अलावा जांच में बजरी माफिया, रेत माफिया, सट्टा, जुआ चलाने वाले अपराधियों से सांठ-गांठ का दोषी रह चुका है।
चार बार हो चुका निलम्बित –

मलिक अपनी हरकतों से अनुशासहीनता के लिए कई बार दंडित हो चुका है। पुलिस ने अपराधियों से सांठ-गांठ व पुलिस छवि को धूमिल करने के मामले में उसे 18 फरवरी 2010, 26 नवम्बर 2010, 27 नवम्बर 2013 व इसके बाद चौथी और आखिरी बार 6 सितम्बर 2018 को निलम्बित किया गया। यही नहीं मलिक चुनाव ड्यूटी पर से बिना बताए गायब हो गया।
इसके अलावा हवलदार मेजर से मुंहजोरी करने पर इसे परिनिंदा, वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने जैसे दंडों से भी दंडित किया जा चुका है। इसके बावजूद उसकी हरकतों में कोई सुधार नहीं हुआ। बल्कि वह और अधिक अनुशासनहीन व अपराधिक प्रवृति का बनता गया।
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