scriptकैसे बदल गई जातियां और उड़ा दिए नाम? जानने के लिए पढि़ए ये समाचार… | How did the changed castes and blown names? Read this news to know ... | Patrika News

कैसे बदल गई जातियां और उड़ा दिए नाम? जानने के लिए पढि़ए ये समाचार…

locationकोटाPublished: Mar 20, 2018 01:08:30 am

Submitted by:

Anil Sharma

पहले हो रहा था सेटलमेंट का कार्य। सरकार ने दे दिए खातों को ऑनलाइन करने का आदेश। आनन-फानन में हो रहे कार्यों में हुई गलतियां।

kota

Govt,online,ACcount,and,Ramganjmandi,

रामगंजमंडी. सेटलमेंट और राजस्व खातों के ऑनलाइन के दौरान सरकारी स्तर पर हुई जाति व नाम बदलने की गलतियों का खामियाजा किसानों को अभी तक उठाना पड़ रहा है। इसके चलते न तो वे बैंक से ऋण ले पा रहे और न ही उनका क्रेडिट कार्ड बन रहे हैं। इतना ही नहीं वे चाह कर भी अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। ऑनलाइन में किसी की जाति बदल दी तो किसी का नाम ही खारिज कर दिया। इनको सुधरवाने के लिए किसान चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन काफी धीमी प्रक्रिया से इनमें सुधार हो रहा है।
जानकारी के अनुसार सेटलमेंट का काम करीब चार वर्ष पूर्व और खातों को ऑनलाइन करने का कार्य जुलाई 2017 से सितम्बर 2017 तक हुआ था, लेकिन इस दौरान रही त्रुटियां अब तक दूर नहीं हो पाई है। इससे भूमि मालिक परेशान है। रामगंजमंडी को मॉडल तहसील बनाने के लिए राजस्व खातों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इन त्रुटियों को सुधारने के लिए कई खाताधारकों ने उपखंड अधिकारी के समक्ष प्रार्थनापत्र दे रखे हैं, लेकिन निस्तारण नहीं हुआ।
ऑनलाइन से परेशानी
सेटलमेंट की फाइलों का निस्तारण होता, इससे पहले ही राज्य सरकार ने तहसील को मॉडल बनाने की कवायद शुरू करते हुए सारे राजस्व खाते ऑनलाइन करने का फरमान निकाल दिया। आपा-धापी में हुए इस कार्य में भूमि मालिकों के खाते में किसी का नाम बदल गया और किसी की जाति। क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए किसान पटवारियों से नकल लेकर बैंक पहुंचे तो वहां नाम व जाति में गलती होना सामने आई। बैंक ने क्रेडिट कार्ड बनाने से मना कर दिया। किसान पटवारियों के पास पहुंचे और पुरानी नकल व नई खाते की नकल निकलवाकर उपखंड अधिकारी के यहां दावा लगाना शुरू किया है।
इधर-उधर हो गए खसरा नंबर
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में सेटलमेंट जब हुआ तो किसानों की भूमि के खसरा नंबर इधर-उधर हो गए। जिस जमीन पर किसान काश्तकारी कर रहा है उसका खाता दूसरे के खेत में दर्शा दिया गया। इन त्रुटियों को सुधारने के लिए सरकार ने उपखंड अधिकारी के यहां वाद दायर करके पुराने व नए खाते की नकल पेश करके शुद्धिकरण करवाने का रास्ता निकाला। पीडि़त किसानों ने सेटलमेंट की गलतियों को सुधारने के लिए उपखंड अधिकारी के यहां दावा पेश किया। कुछ किसान तो भाग्यशाली रहे जिनकी त्रुटियां दुरुस्त हो गई लेकिन सैकड़ों किसान अभी पटवारियों की तरफ से हुई चुक का खामियाजा भुगत रहे हैं।
खाते से नाम खारिज
सुकेत निवासी मोहम्मद सलीम ने बताया कि उसके खाते की औद्योगिक भूमि रामपुरिया गांव में 19 बिस्वा खाते में दर्ज है जिसमें 7 बिस्वा भूमि का बेचान कर दिया। शेष 12 बिस्वा भूमि खाते में दर्ज थी लेकिन सेटलमेंट के दौरान उनका नाम खाते से खारिज कर दिया। वर्तमान में इसी भूमि पर उन्होंने बैंक से ऋण लिया हुआ है। जुल्मी निवासी बालाराम लुहार ने बताया कि राजस्व खातों की ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान जुल्मी के राजस्व खाते में उसकी भूमि दर्ज है लेकिन उसकी जाति लुहार के स्थान पर कुम्हार दर्ज कर देने से वह भूमि को नहीं बेच पा रहा। जुल्मी के लश्करी जाति के आधा दर्जन लोगों ने बताया कि राजस्व खाते में उनकी जाति लश्करी के स्थान पर मुसलमान दर्ज है ऐसे में बैंक से ऋण लेने में दिक्कत आ रही है। एेसी गलतियां ठीक कराने के लिए अब किसानों को पैसा व पसीना बहाना पड़ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो