सुकेत निवासी मोहम्मद सलीम ने बताया कि उसके खाते की औद्योगिक भूमि रामपुरिया गांव में 19 बिस्वा खाते में दर्ज है जिसमें 7 बिस्वा भूमि का बेचान कर दिया। शेष 12 बिस्वा भूमि खाते में दर्ज थी लेकिन सेटलमेंट के दौरान उनका नाम खाते से खारिज कर दिया। वर्तमान में इसी भूमि पर उन्होंने बैंक से ऋण लिया हुआ है। जुल्मी निवासी बालाराम लुहार ने बताया कि राजस्व खातों की ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान जुल्मी के राजस्व खाते में उसकी भूमि दर्ज है लेकिन उसकी जाति लुहार के स्थान पर कुम्हार दर्ज कर देने से वह भूमि को नहीं बेच पा रहा। जुल्मी के लश्करी जाति के आधा दर्जन लोगों ने बताया कि राजस्व खाते में उनकी जाति लश्करी के स्थान पर मुसलमान दर्ज है ऐसे में बैंक से ऋण लेने में दिक्कत आ रही है। एेसी गलतियां ठीक कराने के लिए अब किसानों को पैसा व पसीना बहाना पड़ रहा है।