रिपोर्ट पर नहीं हुई कार्रवाई इस साल खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने मिल्क प्रोडेक्ट, तेल, घी, पनीर समेत अन्य साम्रगी के
111 नमूने लिए। इनमें से दूध, पनीर, तेल व मसाला के 13 नमूने फेल हो गए। घी का नमूना भी अनसेफ हुआ, लेकिन बड़ी बात यह है कि 7 मिलावटखोरों के खिलाफ रिपोर्ट पेश होने के बावजूद जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। शेष नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी है। कई बार त्योहार ही निकल जाता है।
उसके बाद रिपोर्ट आती है, तब तक लोग मिलावटी सामग्री खा चुके होते है।
गुपचुप तरीके से चलाया अभियान खाद्य सुरक्षा विभाग ने 12 से 16 अक्टूबर तक भी मिल्क एण्ड मिल्क प्रोडेक्ट के खिलाफ अभियान चलाया था। इसमें विभाग ने 22 नमूने लिए। इसमें दूध, घी, रसगुल्ले, कलाकंद, पनीर आदि
नमूने लिए, लेकिन मीडिया को कोई सूचना नहीं दी। सारी कार्रवाई गुपचुप तरीके से की गई। जबकि विभाग हर अभियान की कार्रवाई की सूचना देता है। इन नमूनों की रिपोर्ट आना शेष है।
इनका यह कहना इस साल लॉकडाउन के कारण पिछले सालों की अपेक्षा कम कार्रवाई हो सकी। इस साल 13 नमूने फेल हुए है। इनमें से 7 जनों के खिलाफ एडीएम के समक्ष चालान पेश कर दिए है। इन परपैनल्टी वहीं से लगेगी। हर दुकानदार को पैकेज्ड फूड व मिठाई पर एक्सपायरी डेड लिखना जरुरी है। अभी समझाइश की जा रही है। यदि नहीं मानते है तो एक्ट-58 के तहत 2 लाख की पैनल्टी लगेगी।
– संजय सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कोटा