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जांच अधिकारी छगन सिंह राठौड़ ने बताया कि बालक चेतन की हत्या में शुरू से आखिरी तक साथ रहा। 25 दिसम्बर को चेतन के दिल्ली जाने के दौरान ट्रेन से फेंकने, 22 दिसम्बर को पीछा करते हुए दिल्ली उसके निवास पर पहुंच कर इंजेक्शन देकर मारने की योजना में शामिल रहा। 4 व 5 जनवरी को ट्रक की टक्कर मारकर हत्या के प्रयास में भी साथ रहा। 14 फरवरी को बालक व शाहरूख को चेतन का रामगंजमण्डी से पीछा करने के लिए मोटरसाईकल से सुकेत छोड़कर आया व चेतन के झालावाड़ पहुंचने पर मुख्य आरोपी प्रवीण राठौर के साथ उसकी कार में फरहान के साथ रेलवे स्टेशन गया। जहां से शाहरूख को साथ लेकर चेतन का पीछा कर हाउसिंग बोर्ड के रास्ते से सुनसान जगह पाकर चेतन का जबरन कार में पटककर अपहरण कर आकाशवाणी के पीछे ले जाकर केटामाईन के हैवी डोज इंजेक्शन लगाकर उसकी हत्याकर शव को रलायता रेलवे पुलिया के पास सड़क किनारे मौका पाकर पटक कर झालरापाटन होते हुए झालावाड़ चले गए।
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नाबालिग बालक ने पूछताछ में बताया कि घटना के दिन प्रवीण राठौर खुद का मोबाईल साथ लेकर नहीं गया था।ताकि उसकी लोकेशन नहीं आ सके। शाहरूख से बात करने के लिए उसका फोन काम में लिया। हत्या के समय काम में ली गई मोटरसाइकल व मोबाइल को नाबालिग लड़के के कब्जे से बरामद कर लिया है। शाहरूख नाबालिग को दुकान पर काम के 50 रूपए प्रतिदिन देता था। चेतन की हत्या का टारगेट पूरा होने पर पगार तीन गुना बढ़ाकर 150 रूपए प्रतिदिन दी गई। पुलिस अभिरक्षा में चल रहे आरोपी शाहरूख को साथ लेकर एसआई भवानीशंकर के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम ने दिल्ली में जिन स्थानों व होटलों में जहां पर हत्या करने के लिए दिल्ली गए व ठहरे उन स्थानों की पड़ताल की।
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मुख्य अरोपी प्रवीण राठौर की पुलिस तलाश कर रही है।14 फरवरी को एसीबी कार्यालय से राजकार्य के लिए अजमेर जाना बताया लेकिन अभी तक फरार है।