देश में लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं की बहाली और त्योहारों और गर्मी की भीड़ की संभावना के चलते मार्च 2022 के महीने में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने टिकट दलालों के खिलाफ अभियान चलाया।
आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों ने क्षेत्र, डिजिटल और साइबर दुनिया से जानकारी एकत्र की। फिर सूचनाओं का मिलान, सत्यापन और विश्लेषण किया और 1 मार्च 2022 से पूरे देश में टिकट दलालों के खिलाफ अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान 1459 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 341 अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट थे, लेकिन वे रेल टिकटों की दलाली में भी शामिल थे। इन आईआरसीटीसी एजेंटों को ब्लैकलिस्ट किया है। वहीं 366 आईआरसीटीसी एजेंटों की आईडी और 6751 व्यक्तिगत आईडी को ब्लॉक किया गया है। मार्च महीने में टिकट दलालों की गिरफ्तारी पिछले महीने यानी फरवरी 2022 के आंकड़े से करीब 3.64 गुना रही। इन टिकट दलालों ने अवैध रूप से खरीदे गए 65 लाख रुपए से अधिक मूल्य की भविष्य की यात्रा के रेल टिकटों को बरामद कर रद्द कर दिया है।
आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों ने क्षेत्र, डिजिटल और साइबर दुनिया से जानकारी एकत्र की। फिर सूचनाओं का मिलान, सत्यापन और विश्लेषण किया और 1 मार्च 2022 से पूरे देश में टिकट दलालों के खिलाफ अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान 1459 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 341 अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट थे, लेकिन वे रेल टिकटों की दलाली में भी शामिल थे। इन आईआरसीटीसी एजेंटों को ब्लैकलिस्ट किया है। वहीं 366 आईआरसीटीसी एजेंटों की आईडी और 6751 व्यक्तिगत आईडी को ब्लॉक किया गया है। मार्च महीने में टिकट दलालों की गिरफ्तारी पिछले महीने यानी फरवरी 2022 के आंकड़े से करीब 3.64 गुना रही। इन टिकट दलालों ने अवैध रूप से खरीदे गए 65 लाख रुपए से अधिक मूल्य की भविष्य की यात्रा के रेल टिकटों को बरामद कर रद्द कर दिया है।
पश्चिम मध्य के कोटा, भोपाल और जबलपुर मंडल में "ऑपरेशन उपलब्ध" अभियान के तहत गत मार्च माह में 45 प्रकरण दर्ज करके 4265 रेलवे ई-टिकट सीज किए गए। इनकी कीमत 1 लाख 14 हजार 595 थी और 48 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया गया।
पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरिया ने बताया कि महीने भर का देशव्यापी अभियान ने दलालों की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने और आम आदमी को रेलवे टिकट उपलब्ध कराने में समर्थ बनाया है। भारतीय रेलवे आम जनता को अनाधिकृत व्यक्तियों से टिकट न खरीदने की सलाह देता है क्योंकि यह न केवल एक बार पता चलने के बाद रद्द हो सकता है, बल्कि टिकट लेने वाले को कानूनी परेशानी में भी डाल सकता है।
पश्चिम मध्य रेलवे के सीपीआरओ राहुल जयपुरिया ने बताया कि महीने भर का देशव्यापी अभियान ने दलालों की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने और आम आदमी को रेलवे टिकट उपलब्ध कराने में समर्थ बनाया है। भारतीय रेलवे आम जनता को अनाधिकृत व्यक्तियों से टिकट न खरीदने की सलाह देता है क्योंकि यह न केवल एक बार पता चलने के बाद रद्द हो सकता है, बल्कि टिकट लेने वाले को कानूनी परेशानी में भी डाल सकता है।