चूक गए तो स्वास्थ्य बीमा के लिए करना होगा तीन माह इंतजार
कोटाPublished: Apr 19, 2021 11:12:26 am
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए 30 अप्रेल तक ही होंगे पंजीयन। वहीं राजस्थान के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. राजाबाबू पंवार, सुधीर भंडारी और डॉ. वीरेन्द्र सिंह के अनुसार दूसरी लहर ने युवा वर्ग को भी अछूता नहीं छोड़ा है। स्थिति की भयावहता को देखते हुए उन्होंने लॉकडाउन जैसे कदम उठाने की सलाह दी है।
कोटा. राजस्थान केमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अधिकाधिक लोगों का पंजीयन कराने की अपील की। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि 30 अप्रेल 2021 तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वालों को तीन माह तक इंतजार करना पड़ेगा। इसलिए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि 5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की बीमा सुविधा का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए राज्य सरकार और भी कड़े कदम उठाएगी। जिस तेजी से देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना रोगियों की संख्या और मृत्यु दर बढ़ रही है, यदि समय रहते सख्त निर्णय नहीं किए गए तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में आमजन को चाहिए कि वे राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह पर जारी किए गए कोविड प्रोटोकॉल और अन्य दिशा-निर्देशों की पूरी तरह से पालना करें। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि पहली पीक के समय हम 35 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर पा रहे थे। अब हमने टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर 67 हजार प्रतिदिन तक कर दी है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दवा कंपनियों से सरकार लगातार संपर्क में है। कोविड व्यवहार को सख्ती से लागू करना जरूरी है। सख्त कदमों की अब और भी आवश्यकता है।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि गांवों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ा है। हमें कोरोना संक्रमित होने पर क्या करें, इसकी बजाय कोरोना न हो, इस दिशा में प्रयास करने चाहिए। कोरोना प्रोटोकॉल की समुचित पालना से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है। यदि लोग ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। चिकित्सा विशेषज्ञों डॉ. राजाबाबू पवार, डॉ. सुधीर भंडारी और डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि दूसरी लहर ने युवा वर्ग को भी अछूता नहीं छोड़ा है। स्थिति की भयावहता को देखते हुए जीवन बचाने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की कड़ी तोडऩे के लिए वैक्सीनेशन पर जोर देना जरूरी है। अब प्रदेश में केस डबलिंग टाइम 42 दिन रह गया है जो कि राष्ट्रीय औसत से भी कम है। मार्च माह में 31 रोगियों की ही मौत हुई थी। वहीं अप्रेल के 17 दिन में 322 रोगी मृत्यु के शिकार हो चुके हैं।