खुलासा: बसों की डिक्कियों में अहमदाबाद और इंदौर से कोटा आई थी कैप्सूल के खोल की खेप!
औषधि नियंत्रण विभाग की छापेमारी में बोरखेड़ा, शिवाजी मार्केट और कुन्हाड़ी से दबोची गई चार हजार किलो से ज्यादा कैप्सूल के खाली खोल की खेप अवैध दवा कारोबार और झोलाछाप डॉक्टरों के गठजोड़ से जुड़ती जा रही है। शुरुआती जांच में पकड़े गए खाली खोलों के कोटा और आसपास के जिलों में ही खपाने के संकेत मिले हैं। इसमें झोलाछाप डॉक्टर इन खाली खोलों के सबसे बड़े खरीदार साबित हो रहे हैं। शंका है कि ये लोग इन खाली कैप्सूल में अवैध व अमानक दवाएं व शक्ति वर्धक दवा ( Power boosting medicine ) भर कर बेचते थे।
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हमें नहीं मालूम है कितने हैं : तंवर
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर से जब इन झोलाछाप डाक्टरों के बारे में बात की गई तो उन्होंने खुद माना कि एक डिस्पेंसरी एरिया में करीब चार से पांच झोलाछाप डाक्टर हैं, लेकिन जब कार्रवाई के बाबत पूछा गया तो उन्होंने ऐसा कोई भी रिकॉर्ड तैयार नहीं होने की बात कह जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। डॉ. तंवर ने कहा कि एक तो झोलाछाप डॉक्टरों के इलाके चिन्हित नहीं है और दूसरा सूचना मिलने पर जब भी कार्रवाई के लिए जाते हैं, यह स्थानीय लोगों की मदद से फरार हो जाते हैं।
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खुद करेंगे कार्रवाईवहीं दूसरी ओर झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी देख रहे आरसीएमएचओ डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनसे जब झोलाछाप डॉक्टरों के बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि ‘मंैने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सीएमएचओ ऑफिस से इनकी सूची मांगी थी, लेकिन कई बार कहने के बावजूद मुझे अभी तक यह सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। हालांकि कैप्सूल के खाली खोलों की बरामदगी और उसके तार अवैध दवा निर्माण के साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों से जुड़े होने की जानकारी मिलने के बाद अब मैं अपने ही स्तर पर इनकी जानकारी जुटाकर जल्द से जल्द व्यापक पैमाने पर कार्रवाई करवाऊंगा
रोहिताश्व नागर, ड्रग इंस्पेक्टर, औषधि नियंत्रण विभाग कोटा