script2.50 हजार किलो कैप्सूल की खेप गिनने में लगे 20 घंटे, 800 रुपए किलो में बिकते हैं खाली खोल | Illegal Gelatin Capsules sold for 800 rupees per kg in Market kota | Patrika News

2.50 हजार किलो कैप्सूल की खेप गिनने में लगे 20 घंटे, 800 रुपए किलो में बिकते हैं खाली खोल

locationकोटाPublished: Nov 07, 2019 12:48:54 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

drug Smuggling, Fake drug, Gelatin Capsules : चिकित्सा विभाग व औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को कैप्सूल के खाली खोल की खेप गिनने में 20 घंटे लग गए।

 Gelatin Capsules

2.50 हजार किलो कैप्सूल की खेप गिनने में लगे 20 घंटे, 800 रुपए किलो में बिकते हैं खाली खोल

कोटा. चिकित्सा विभाग व औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा बोरखेड़ा क्षेत्र स्थित एक दवा गोदाम पर गई कार्रवाई में ढाई हजार किलो खाली कैप्सूल बरामद किए। दोनों विभाग की शहर के अवैध दवा व्यापार के खिलाफ अब तक की बड़ी कार्रवाई है। विभाग की 20 घंटे कार्रवाई चली।
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सीएमएचओ डॉ. बी.एस. तंवर ने बताया कि मुखबिर के जरिए उन्हें अवैध दवा कारोबर की शिकायत मिली थी। उसी के अनुसार कार्रवाई की गई। औषधि नियंत्रक अधिकारियों को साथ लेकर मंगलवार रात बोरखेड़ा क्षेत्र के भारत विहार में एक गोदाम पर छापा मारा। मनीष कुमार सादिजा ने अपने पिता वासुदेव के नाम से किराएनामे के आधार पर यह गोदाम ले रखा है, जबकि उसका ड्रग लाइसेंस सुभाष नगर में अजय ड्रग के नाम से है। औषधि अधिकारियों ने बताया कि छापा मारने के बाद रात 10 बजे से 20 घंटे तक कैप्सूलों के खोल की गिनती की। मनीष ने करीब 200 कॉपी खरीद के बिल दिए हैं। इनमें इंदौर, गुजरात, मथुरा व हरिद्वार से माल खरीदना पाया गया। यह माल की ट्रेडिंग भी करते हैं। टीमें बिलों की और जांच कर रही है।

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700 से 800 रुपए प्रति किलों में बेचते माल

मनीष ने पूछताछ में बताया कि वह माल बाहर से खरीद कर यहां आयुर्वेद, मेडिकल स्टोर्स व अन्य दुकानदारों को 700 से 800 रुपए प्रति किलों के हिसाब से बेचता है। एक माह पहले किराए से लिया गोदाम : जगह की कमी के चलते मनीष ने भारत विहार कॉलोनी में एक माह पहले किराए पर गोदाम लिया था। उसी में माल शिफ्ट किया। उसके बाद अब लाइसेंस लेने की तैयारी थी, लेकिन उससे पहले गोदाम पर छापा पड़ गया। ड्रग विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी दवा के बेचान से पहले लाइसेंस लेना होता है, लेकिन यहां लाइसेंस नहीं मिला। ऐसे में माल को जब्त किया।
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चार सेम्पल लिए

औषधि अधिकारियों ने मनीष की लाइसेंस वाली दुकान को भी देखा और वहां से दो व गोदाम से दो सेम्पल लिए हैं। उन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा। ये खोल जिलेटिन के बने हैं। कार्रवाई में औषधि नियंत्रक अधिकारी डॉ. सदीप कुमार, प्रहलाद मीणा, रोहिताश्व नागर, निशांत बघेरवाल, उमेश मुखीजा, दिनेश कुमावत, योगेश कुमार शामिल रहे।
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डॉ. एमके त्रिपाठी, नोडल अधिकारी से सवाल-जवाब
सवाल : शहर में कितने झोलाछाप डॉक्टर हंै?
जवाब : चिकित्सा विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं है। मैंने खुद सीएमएचओ विभाग से इसकी जानकारी मांगी है, लेकिन वहां से नहीं मिली है।
सवाल : कमेटी ने अब तक झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?
जवाब : जिला प्रशासन के सहयोग से 21 अक्टूबर को इनके खिलाफ अंकुश लगाने के लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें अभी औषधि नियंत्रक अधिकारी नहीं लगा पाए है। उसके लिए नाम मांगा है। शहर में 20 मेडिकल ऑफिसर के साथ 13 को बैठक बुलाई है। उसमें इनके इलाके में झोलाछाप डॉक्टर के नाम मांगे है।
सवाल : पहले झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कब कार्रवाई हुई थी?
जवाब : विभाग ने इनके खिलाफ कब कार्रवाई की यह भी पता नहीं है।
सवाल : झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आगे क्या कार्रवाई होगी?
जवाब : झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ पुलिस से व अन्य विभाग से सहयोग लेकर कार्रवाई करेंगे।
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