जगह-जगह से टूटी जालियां
एनटीसी चौराहा (सुभाष सर्किल) शहर का प्रमुख स्थान है। यहां पर लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है। चौराहे के बीचोंबीच सुभाषचंद बोस की प्रतिमा लगी है। चारों तरफ टाइल्स लगी है, जो वर्तमान में कई जगह से टूट गई है। कहने को तो यहां फव्वारे भी है, लेकिन बंद पड़े हैं। फव्वारे के चारों तरफ लोहे की जालियां है, जो बीच-बीच में से टूट चुकी है।
एनटीसी चौराहा (सुभाष सर्किल) शहर का प्रमुख स्थान है। यहां पर लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है। चौराहे के बीचोंबीच सुभाषचंद बोस की प्रतिमा लगी है। चारों तरफ टाइल्स लगी है, जो वर्तमान में कई जगह से टूट गई है। कहने को तो यहां फव्वारे भी है, लेकिन बंद पड़े हैं। फव्वारे के चारों तरफ लोहे की जालियां है, जो बीच-बीच में से टूट चुकी है।
निर्माण के बाद भूले सारसंभाल करना
चारभुजा में बप्पारावल चौराहे का निर्माण तो कर दिया। उक्त चौराहे के चारों तरफ गोल सर्किल बना दिया। बीच में एक पेड़ लगा दिया, लेकिन इसके सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं दिया। हालात यह है कि सर्किल के चारों तरफ की दीवारें कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। सर्किल के अन्दर घास भी थोड़ी बहुत ही है, जबकि यह चौराहा भी मुख्य मार्ग पर बना हुआ है। रात्रि के समय यहां पर काफी अंधेरा रहता है। नगर पालिका के अधिकारी भी मानते हैं कि शहर को सुन्दर बनाए रखने में चौराहों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 30 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
चारभुजा में बप्पारावल चौराहे का निर्माण तो कर दिया। उक्त चौराहे के चारों तरफ गोल सर्किल बना दिया। बीच में एक पेड़ लगा दिया, लेकिन इसके सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं दिया। हालात यह है कि सर्किल के चारों तरफ की दीवारें कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। सर्किल के अन्दर घास भी थोड़ी बहुत ही है, जबकि यह चौराहा भी मुख्य मार्ग पर बना हुआ है। रात्रि के समय यहां पर काफी अंधेरा रहता है। नगर पालिका के अधिकारी भी मानते हैं कि शहर को सुन्दर बनाए रखने में चौराहों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 30 लाख रुपए का प्रस्ताव भेजा है। स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।