रानपुर निवासी किसान देशराज सुमन ने बताया कि उन्होंने एफसीआई के खरीद केन्द्र पर 16 मार्च को रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्हें 31 मार्च को टोकन मिला, जिसमें खरीद केन्द्र पर गेहूं लेकर आने के लिए 2 जुलाई का टोकन दिया है। सुमन ने बताया कि गेहूं निकलकर खेत में पड़ा है। घर में उसे रखने की जगह नहीं है। टोकन भी खरीद की निर्धारित अंतिम तिथि के बाद का दिया गया है। यहां अधिकारी भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे, किसान करे तो क्या करे।
बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र के बडूण्दा निवासी किसान दुर्गाशंकर पुरोहित ने बताया कि उन्होंने 10-15 दिन पहले रजिस्ट्रेशन करवाया था। गुरुवार को भामाशाहमंडी स्थित एफसीआई के टोकन केन्द्र पर टोकन लेने आया तो वहां सर्वर बंद होने की बात कही गई। वहां कई किसानों ने उसे बताया कि टोकन जुलाई माह के दिए जा रहे हैं तो वह असमंझस में पड़ गया कि जुलाई माह का टोकन लेकर क्या करूंगा, जब खरीद जून में ही बंद हो जाएगी। सुबह से दोपहर 2 बजे तक चक्कर काटने के बाद वह वापस गांव लौट गए।
धर्मपुरा निवासी किसान दिनेश कुमार ने बताया कि गुरुवार को भामाशाहमंडी में टोकन लेने आया तो पता चला की सर्वर बंद होने से टोकन नहीं दिए जा रहे। उन्होंने बताया कि किसान 31 को भी सर्वर दो-तीन घंटे ही चला, इसके बाद बंद हो गया था। टोकन के चक्कर में किसान दिनभर इधर से उधर चक्कर काटते रहे। उन्होंने बताया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व टोकन अधिकांश समय सर्वर बंद रहने से किसानों के लिए सिर दर्द बन गया है। इससे अच्छी तो पहले की व्यवस्था थी जो पटवारी टोकन जारी करते थे, किसानों को भटकना नहीं पड़ता था।
एफसीआई के अंचल प्रबंधक निपुन त्रिखा ने बताया कि जुलाई के टोकन की गड़बड़ी ई मित्र केन्द्र वालों ने की है। उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि खरीद 30 जून तक ही होगी। इसके बावजूद उन्होंने जुलाई के टोकन जारी कर दिए। जिन किसानों को जुलाई के टोकन जारी किए हैं, उन किसानों के टोकन दोबारा जारी किए जाएंगे।