इतिहासकार डॉ. जगत नारायण ने कहा कि संग्रहालय मात्र पुरानी विरासत को सुरक्षित रखने का ही काम नहीं करता अपितु अतीत को वर्तमान और भविष्य से भी जोड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को प्राइवेट सेक्टर के लोगों को भी संग्रहालय बनाने की अनुमति देना चाहिए। उन्होंने मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व का जिक्र करते हुए कहा कि मुकुंदरा में प्रागेतिहासिक गुफाओं के अलावा आदिमानव द्वारा निर्मित प्राचीन शिलाचित्र तथा ऐतिहासिक विरासत, कलाकृतियों से युक्त मंदिर है। जिनकी कला को सहेजने की आवश्यकता है।
डॉ. सुषमा आहूजा ने कहा कि हाड़ौती की प्राचीन विरासत खण्डहरों और कलाओं में बिखरी पड़ी है। नई पीढ़ी को इससे परिचित करना चाहिए। कन्वीनर निखिलेश सेठी ने कहा कि इंटेक प्राचीन विरासत को सहेजने व संवारने के प्रयास में सरकार के सहयोगी के रूप में काम कर रही है। को-कन्वीनर बहादुर सिंह हाड़ा ने संचालन करते हुए हाड़ौती संभाग के इतिहास समेटे ग्रामीण क्षेत्रों में बिखरी पड़ी धरोहरों को सहेजने की आवश्यकता बताई। एकता जैन सेठी, लाइफ मेंबर बृजेश विजयवर्गीय, सर्वेश्वरी रानीवाला, शुभम लोढ़ा, कलिका सेठी, अभिनंदन सेठी, आदित्य सेठी आदि ने विचार व्यक्त किए। उपस्थित गणमान्य लोगों ने कहा कि राव माधोसिंह म्यूजियम ट्रस्ट की तर्ज पर इसे भी प्रचारित किया जाए। राजकीय सहायक अधीक्षक तेजमल ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर संग्रहालय में नि: शुल्क प्रवेश रखा गया था।