मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर उपचार करने वालों के पास न तो कोई डिग्री, न ही दस्तावेजों का प्रमाण है। चिकित्सा अधिकारी इनके दस्तावेजों की सत्यता को भी नही जांच रहे है। ऐसे में सबके होंसले बुलन्द हंै।
झोलाछाप, नीम हकीम किशनगंज केलवाडा, भंवरगढ़, नाहरगढ़, शाहबाद समेत आदिवासी क्षेत्र के कई इलाकों में सक्रिय हैं। रामगढ़ गरड़ा आदिवासी इलाके में तो इनकी भरमार है। कई झोलाछाप तो मेडिकल दुकानों की आड़ में उपचार करने मे जुटे हंै। किशनगंज कस्बे में एक झोलाछाप ने तो उपचार के लिए किसी दूसरे व्यक्ति के मेडिकल लाइसेंस की आड़ लेकर उपचार करने का काम चला रखा है। वास्तविकता में जिस व्यक्ति के नाम मेडिकल का लाइसेंस है वह यहां बैठता ही नहीं। उसकी आड़ में एक नीम हकीम लोगों का उपचार कर रहा है।
जिला उप चिकित्साधिकारी राजेन्द्र मीणा ने बताया कि एक ऑपरेशन चलाकर झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इसके लिए चिकित्सा महकमा तैयार है। कार्रवाई में मेडिकल अफसर, आयुष चिकित्साधिकारी, थानाधिकारी लेवल के पुलिस अधिकारी, ड्रग स्पेंक्टर की जरूरत होती है। जल्द ही इन पर शिंकजा कसा जायेगा। मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जाएगी।