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हाड़ोती के सहरिया क्षेत्र में झोलाछाप लोगों की सेहत से खुलेआम कर रहे खिलवाड़

locationकोटाPublished: Jul 06, 2020 12:25:54 am

Submitted by:

mukesh gour

लॉकडाउन में दुबक गए थे: चिकित्सा महकमा मौन, व्यवस्था सुधारे कौन

हाड़ोती के सहरिया क्षेत्र में झोलाछाप लोगों की सेहत से खुलेआम कर रहे खिलवाड़

हाड़ोती के सहरिया क्षेत्र में झोलाछाप लोगों की सेहत से खुलेआम कर रहे खिलवाड़

हरीश रावत. किशनगंज. कोराना काल में लागू लॉकडाउन में प्रशासन की सख्ती के चलते सभी नीमहकीम और झोलाछाप दुबक गए थे। अनलॉक में मिली ढील के बाद ये एक बार फिर से खुलेगाम लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में जुटे हैं। जिले का चिकित्सा महकमा इनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की जहमत नही उठा रहा है, हालांकि लॉकडाउन के दौरान इन पर सख्ती कर कार्रवाई की गई थी। उस समय जिला चिकित्साधिकारी ने सभी ब्लॉक चिकित्साधिकारियों को निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद सभी निर्देश ठण्डे बस्ते में चले गए। ये झोलाछाप और नीमहकीम किशनगंज क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों में डेरा डालकर छोटी-छोटी दुकानों में उपचार करने में जुटे हैं। दवा लिखने के साथ ये मरीजों को ड्रिप भी लगाते हैं। मोटी कमाई के फेर में ये झोलाछाप, नीमहकीम अशिक्षित व गरीब तबके के लोगों को अपने इलाज करने के तरीकों से फांसकर उनकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। कई बार इनके कारण मरीजों की जान पर बन आती है। इनकी दुकानों में दवाइयों के ढेर लगे नजर आते हंै, जबकि बिना लाइसेंस दवा रखना भी अपराध है। पिछले दो सालों में एक बंगाली झोलाछाप के यहां दो बार मरीजों की मौत हो गई। वहीं पिछले वर्ष रानीबड़ौद में एक झोलाछाप के यहां युवती की मौत के बाद परिजनो की शिकायत पर चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई की थी।
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न डिग्री और न ही दस्तावेज
मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर उपचार करने वालों के पास न तो कोई डिग्री, न ही दस्तावेजों का प्रमाण है। चिकित्सा अधिकारी इनके दस्तावेजों की सत्यता को भी नही जांच रहे है। ऐसे में सबके होंसले बुलन्द हंै।
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आदिवासी इलाकों में ज्यादा सक्रिय
झोलाछाप, नीम हकीम किशनगंज केलवाडा, भंवरगढ़, नाहरगढ़, शाहबाद समेत आदिवासी क्षेत्र के कई इलाकों में सक्रिय हैं। रामगढ़ गरड़ा आदिवासी इलाके में तो इनकी भरमार है। कई झोलाछाप तो मेडिकल दुकानों की आड़ में उपचार करने मे जुटे हंै। किशनगंज कस्बे में एक झोलाछाप ने तो उपचार के लिए किसी दूसरे व्यक्ति के मेडिकल लाइसेंस की आड़ लेकर उपचार करने का काम चला रखा है। वास्तविकता में जिस व्यक्ति के नाम मेडिकल का लाइसेंस है वह यहां बैठता ही नहीं। उसकी आड़ में एक नीम हकीम लोगों का उपचार कर रहा है।
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होगी कार्रवाई, टूटेगा मकडज़ाल
जिला उप चिकित्साधिकारी राजेन्द्र मीणा ने बताया कि एक ऑपरेशन चलाकर झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इसके लिए चिकित्सा महकमा तैयार है। कार्रवाई में मेडिकल अफसर, आयुष चिकित्साधिकारी, थानाधिकारी लेवल के पुलिस अधिकारी, ड्रग स्पेंक्टर की जरूरत होती है। जल्द ही इन पर शिंकजा कसा जायेगा। मेडिकल स्टोरों की भी जांच की जाएगी।
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