पीडि़त नईम मोहम्मद अंसारी ने बताया कि रात में परिवार सहित कमरे में सो रहे थे। करीब 4 बजे तेज धमाके की आवाज से नींद खुली तो कमरा धुएं से भरा हुआ था। एसी से चिंगारियां निकल रही थी। पत्नी व बच्चों को तुरंत कमरे से बाहर निकाला और भागकर विद्युत सप्लाई बंद की। फायर ब्रिगेड को फोन किया। अन्दर जाकर कमरे में रखे कपड़ों व अन्य सामान को बाहर निकाला। एसी से आग की लपटें निकल रही थी और प्लास्टिक जलकर नीचे गिर रहा था। इस पर बाल्टियों में मिट्टी भरकर एसी पर फेंकना शुरू किया। करीब 10-12 बाल्टी फेंकने के बाद आग बुझी, लेकिन तब तक एसी जल गया था। फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि एसी के अलावा कमरे की पूरी वायरिंग जल गई और फॉल सिलिंग की लाइटें व ट्यूबलाइटें भी ब्लास्ट हो गई। सूचना पर रात में ही केईडीएल के कर्मचारी भी आ गए। एसी बंद पड़ा था, कैसे धमाका हुआ, इसका पता नहीं चल पाया।
बड़ा हादसा टला
नईम ने बताया कि कमरे में जिस बेड पर सो रहे थे, एसी दूर दीवार पर लगा हुआ था। अगर पलंग के पास होता तो आग से पलंग पर आग लग जाती। गनीमत रही कि धमाके की आवाज से नींद खुल गई और हम कमरे से बाहर भाग लिए।
नईम ने बताया कि कमरे में जिस बेड पर सो रहे थे, एसी दूर दीवार पर लगा हुआ था। अगर पलंग के पास होता तो आग से पलंग पर आग लग जाती। गनीमत रही कि धमाके की आवाज से नींद खुल गई और हम कमरे से बाहर भाग लिए।