बेटी रातभर तड़पती रही, पिता कंधे पर उठा दर-दर भटका, सुबह बाप की गोद में दम तोड़ गई मासूम
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि क्षेत्र के सुंदरपुरा गांव निवासी मुकेश बैरवा अपनी 5 साल की मासूम घायल बेटी लक्ष्मी को लेकर इंद्रगढ़ के सामुदायिक चिकित्सालय में पहुंचा था। लक्ष्मी घर के बाहर गेहूं से भरी ट्रॉली में खेलने के दौरान नीचे गिर गई थी। उसे अन्दरूनी चोट थी। लक्ष्मी के चिकित्सालय में पहुंचने तक उसकी सांसें चल रही थी। उसे देखकर चिकित्सालय में सहायक कर्मी ने ऑनकाल चिकित्सक को सूचना भेजी और तत्काल चिकित्सालय में आने को कहा। देर तक कोई नहीं आया। फिर फोन पर भी सूचना दी गई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। तब चिकित्सालय के प्रभारी डॉक्टर गणेश लाल मीणा को सूचना लगी, तब वह दूर किसी गांव से अस्पताल में पहुंचे, तब तक मासूम बालिका पिता की गोद में ही दम तोड़ चुकी थी। डॉ. मीणा ने उसे मृत घोषित कर दिया। तब पिता शव को घर ले गया। पिता मुकेश चिकित्सालय परिसर में यही कहता रहा ”साÓब मेरी बेटी का इलाज समय पर शुरू हो जाता तो उसकी मौत नहीं होती। उसकी चिकित्सालय में देर तक सांस चल रही थी। उसे बाहरी चोट नहीं थी।
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तीन डाक्टर, कई बार गायब रहे
चिकित्सालय में तीन डाक्टर कार्यरत बताए। यहां बीते दिनों में भी ब्लॉक सीएमएचओ ने पहुंचकर निरीक्षण किया था, तब भी उन्हें चिकित्सक गैर हाजिर मिले थे। ब्लॉक सीएमएचओ ने तब भी सुधार के निर्देश दिए थे।
& शिवदानपुरा गांव गया था। सूचना मिलने पर चिकित्सालय पहुंच गया था, तब बालिका की मौत हो चुकी थी। ड्यूटी डाक्टर क्यों नहीं आया, इसकी जांच करेंगे।
गणेशलाल मीणा, अस्पताल प्रभारी इंद्रगढ़ चिकित्सालय को लेकर कई बार सीएमएचओ को कह चुकी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। विधानसभा में भी मसला उठाया था। इस घटना से चिंता जनक विषय नहीं हो सकता। सरकार का चिकित्सा प्रशासन पर कोई नियन्त्रण नहीं रहा। चंद्रकांता मेघवाल, विधायक, केशवरायपाटन