scriptराजस्थान में हालात हुए बेकाबू, सेना ने संभाला मोर्चा | indian army takes charge in government Hospital at rajasthan | Patrika News

राजस्थान में हालात हुए बेकाबू, सेना ने संभाला मोर्चा

locationकोटाPublished: Nov 12, 2017 04:09:18 pm

Submitted by:

​Vineet singh

राजस्थान में सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से पैदा हुए हालातों से निपटने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है।

indian army takes charge in government Hospital at rajasthan, Doctors Strike Rajasthan, Two doctors arrested in Jhalawar, Rajasthan Essential Service Protection Act, RESMA In Rajasthan, Kota Police Raid on Doctor Residence, Kota Rajasthan Patrika, Kota Latest News, Kota News in Hindi

राजस्थान में हालात हुए बेकाबू, सेना ने संभाला मोर्चा

राजस्थान के सरकारी चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से हालात बेकाबू होने लगे हैं। मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा। गंभीर मरीजों के ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। सरकार ने हड़ताल तोड़ने के लिए भले ही रेस्मा लागू कर दिया हो, लेकिन चिकित्सकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। गिरफ्तारी से बचने के लिए डॉक्टर्स भूमिगत हो गए हैं। सरकार ने जब आयुष और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को अस्पतालों में तैनात किया तो वह भी सरकार चिकित्सकों के समर्थन में उतर आए। हालात से निपटने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और अस्पतालों में आने वाले मरीजों के इलाज में जुट गई है।
कोटा में सरकारी हॉस्पिटल्स के 240 डॉक्टर्स के स्ट्राइक पर जाने के बाद मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने भी उनके समर्थन में सांकेतिक हड़ताल शुरू कर दी है। वहीं हालात से निपटने के लिए अस्पतालों में लगाए गए आयुष चिकित्सक व्यवस्था संभालने में नाकाम रहे तो इंडियन आर्मी की मेडिकल कोर को बॉर्डर के साथ-साथ यहां भी मोर्चा संभालना पड़ा। सेना की मेडिकल कोर के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ ने कोटा में लोगों का इलाज करना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें

पदमावती पर भाजपा विधायक ने दी भंसाली को खुली चुनौती, दम है तो बना कर दिखाओ इन पर फिल्म

जिला अस्पताल में तैनात हुई सेना

कोटा के रामपुरा जिला अस्पताल में सेना के अफसरों और जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। यहां इंडियन आर्मी की मेडिकल कोर के 4 डॉक्टर्स और 8 अन्य चिकित्साकर्मी दो दिन से मरीजों के इलाज में जुटे हैं। ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी ऑपरेशन भी सेना ही कर रही है। जिसके बाद यहां के हालात सामान्य होने लगे हैं, लेकिन लोगों में सरकारी चिकित्सकों के खिलाफ गुस्सा भी बढ़ने लगा है।
यह भी पढ़ें

हिस्ट्रीशीटर के घर से दबोचा पाकिस्तानी, बिना पासपोर्ट वीजा के नेपाल बार्डर से घुसा था भारत में


नाकाम रही डॉक्टर्स की धरपकड़

रेस्मा लागू होने के बाद हड़ताली सेवारत चिकित्सकों व रेजीडेंट की धरपकड़ के लिए पुलिस पिछले दो दिन से दिन-रात दबिश दे रही है, लेकिन अब तक एक भी चिकित्सक व रेजीडेंट पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही चिकित्सक भूमिगत हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज व एमबीएस अस्पताल में पीजी हॉस्टल खाली पड़े हैं। हड़ताल को लेकर सरकार का सख्त रवैया है। सरकार के आदेश पर शुक्रवार रात भी पुलिस ने एमबीएस व मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में दबिश दी, लेकिन वहां ताले लगे मिले। दोनों हॉस्टल्स में करीब दो सौ रेजीडेंट्स रहते हैं।
यह भी पढ़ें

हॉस्पिटल में हो रही हैं चोरियां, सिक्योरिटी गार्ड कर रहे हैं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के घर की सुरक्षा


आईएमए चिकित्सक काली पट्टी बांधेंगे

हड़ताल के समर्थन में आईएमए चिकित्सक भी आ गए हैं। शनिवार को आईएमए अध्यक्ष जसवंत सिंह ने पत्रकारों को बताया कि आईएमए चिकित्सकों की हड़ताल का पूरा समर्थन करती है, उनकी मांग जायज है। रविवार-सोमवार को प्रदेशभर में आईएमए चिकित्सक काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। मंगलवार को कोटा शहर के आईएमए के करीब ८५० सदस्य पेनडाउन हड़ताल करेंगे। उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। हाड़ौती प्राइवेट डॉक्टर सोसायटी अध्यक्ष डॉ. आलोक गर्ग, सचिव केवलकृष्ण डंग ने बताया कि सोसायटी भी आईएमए हड़ताल का समर्थन करती है।
यह भी पढ़ें

देशी चूल्हे पर विदेशी मेम ने सेकी ऐसी रोटियां, उंगलियां चाटते रह गए गोरे


चोरों ने बोला धावा

हड़ताल के चलते भूमिगत रेजीडेंट्स के हास्टल पर चोरों की नजरें गड़ गई हैं। एमबीएस अस्पताल में पीजी हॉस्टल सूना होने के कारण चोरों ने शनिवार रात को यहां कमरा नम्बर 12 व 23 के ताले तोड़ दिए, जबकि एक कमरे का ताला नहीं टूट सका। रेजीडेंट्स के नहीं होने के कारण कमरों में चोरी का पता नहीं चल सका।
यह भी पढ़ें

पहले मोबाइल मांगा फिर घर ले जाकर बिस्तर पर बिठाया, हुस्न के जाल में फंसे युवक का हुआ ये हाल


40 ऑपरेशन टले, बैरंग लौटे मरीज

हड़ताल का असर अस्पतालों पर पडऩे लगा है। ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो गई, जो मरीज पहुंच रहे वे भी चिकित्सक को बिना दिखाए लौट रहे हैं। बापू कॉलोनी कुन्हाड़ी निवासी प्रेमसिंह शनिवार को सुबह यूरिन जांच दिखाने के लिए आया था, चिकित्सक नहीं मिलने के कारण लौट गया। अस्पतालों में सिर्फ मेडिसिन विभाग में ही मरीजों की संख्या ज्यादा दिखाई दे रही है। इन्हें भी सीनियर चिकित्सक देख रहे हैं। ऑपरेशन थिएटर प्रभारी डॉ. एससी दुलारा ने बताया कि शनिवार को भी तीनों अस्पतालों में चिकित्सक नहीं होने के कारण 40 मरीजों के ऑपरेशन टाले गए। न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 15, एमबीएस में 25 ऑपरेशन टले। इनमें सर्जरी, आर्थोपेडिक, न्यूरो के ऑपरेशन शामिल हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो