कोटा जंक्शन से चलने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस, कोटा श्रीगंगानगर एक्सप्रेस और यहां से गुजरने वाली स्वर्ण मंदिर मेल और अवध एक्सप्रेस जैसी कई ट्रेनों में कंबल गंदे पाए गए। बेडरोल में जो चादर और तौलिये होते हैं, उनकी धुलाई होती है, लेकिन कंबल की धुलाई कितने दिनों में होती है या नहीं इस बारे में यांत्रिक विभाग के कर्मचारी भी नहीं बता पाए।
कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कम्बलों को पूरी तरह वायरस मुक्त करने का कोई फार्मूला रेलवे के पास नहीं है। रेलवे की ओर से ट्रेन में ऐसी बेडरोल देने के बारे में भी योजना बनाई थी, जिसका यात्री एक बार ही उपयोग कर सकें, लेकिन इस पर पूरी तरह अमल नहीं हो पाया है।
ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों में कोरोना वायरस का भय है। इस कारण यात्री मुंह पर मास्क लगाकर यात्रा कर रहे हैं। कोटा जंक्शन पर कई यात्री ऐसे मिले, जिन्होंने कपड़े से पूरे मुंह को ढक रखा था और कई यात्रियों ने मास्क लगा रखे थे। ट्रेन में बैठते समय भी यात्रियों ने मास्क लगाए हुए थे।