————– शुगर अन कंट्रोल से मौत… मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन डॉ. एस जैलिया ने बताया कि कोरोना से संक्रमित कई मरीज अन्य गंभीर बीमारी से भी पीडि़त मिले है, लेकिन वे देरी से अस्पताल पहुंचे है। इससे उनकी मौत हुई है। दो मरीजों को कॉर्डियक मसाज दिया गया। उनकी अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई। कुछ मरीजों की शुगर अन कंट्रोल रही। उनकी शुगर 350 से 500 तक रही। एक मरीज की तो 570 तक शुगर पहुंच गई थी। गुमानपुरा सिंधी कॉलोनी निवासी महिला का ब्लड प्रेशर हाई रहा। वह हाइपरटेंशन व न्यूमोनिया की भी शिकार थी। उनकी सुबह पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद दोपहर में उनकी मौत हो गई। उन्हें चंद घंटों के लिए वेन्टिलेटर की जरुरत पड़ी।
————- वायरस ज्यादा घातक नहीं मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. मनोज सालूजा ने बताया कि कोरोना की एल व एस दो स्ट्रेन है। इनमें से संभवत: एस स्ट्रेन कोटा में है। इसकी संक्रामता तो अधिक है, लेकिन मारक क्षमता कम घातक है। यह मरीजों के श्वसन तंत्र को प्रभावित तो कर रहा है, लेकिन गंभीर रूप से प्रभावित नहीं कर रहा है। इससे मृत्युदर कम है।
————- मनोचिकित्सक डॉ. सीएस सुशील ने बताया कि मरीज के भर्ती होते ही कोरोना के डर व उदासी को दूर करने के लिए मनोचिकित्सक के माध्यम से साइको थैरेपी दी जा रही है। डॉक्टरों की इस झपकी से मरीज मानसिक रुप से स्वस्थ हो रहे है। इससे वे कोरोना को मात दे रहे है।