एक तरफ बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए कई तरह के सख्त कानून बने हैं उनके लिए कई संस्थाएं काम भी कर रही है इसके बावजूद बड़ी संख्या में अबोध बच्चों के साथ अपराध हो रहे हैं इनमे से ऐसे बच्चों की संख्या अधिक है जो घर ओर अभिभावकों कि देखरेख में भी सुरक्षित नहीं है। शिक्षा नगरी के ये आंकडे हैं जो सभ्य कहे जाने वाले हमारे समाज पर करारा तमाचा है।
किसी भी तरह के आक्रमण हिंसा या यौन उत्पीडऩ के शिकार अबोध बच्चों के हक के लिए 4 जून को अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस उन बच्चों के बारें में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है जो दूनिया भर में पीडित है शारीरिक मानसिक,और भावनात्मक शोषण का शिकार है।
जिसे जन्म दिया वह भी पराया
बालकल्याण समिति सदस्य विमल जैन का कहना है कि एक साल में 207 ऐसे मामले आए है जिसमें बालिकाओं का योन शोषण हुआ है। इनमें कई मामले सामने आए है जिसमें इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं भी है।
बालकल्याण समिति सदस्य विमल जैन का कहना है कि एक साल में 207 ऐसे मामले आए है जिसमें बालिकाओं का योन शोषण हुआ है। इनमें कई मामले सामने आए है जिसमें इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं भी है।
शिशु गृह मातृ छाया में 20बच्चे
सीडब्ल्यूसी के आदेश पर शिशुगृह में मौजुदा समय में करीब 20 बच्चे है। 9 लीगल फ्री हो चुके है। इनमें एेसे बच्चे है जिन्हे झाड़ियों में फेंक दिया गया तो नालों में और कई पालनों में छोड़ दिया गया।
सीडब्ल्यूसी के आदेश पर शिशुगृह में मौजुदा समय में करीब 20 बच्चे है। 9 लीगल फ्री हो चुके है। इनमें एेसे बच्चे है जिन्हे झाड़ियों में फेंक दिया गया तो नालों में और कई पालनों में छोड़ दिया गया।
एक नजर
गुमशुदा 16
पॉक्सो 207
बालश्रम 442
घर से भागे 200
शिशु गृह 20