रात में भी यहां कई जगह सडक़ों पर आवारा मवेशी जमे रहते हैं। इनसे टकराकर कई दुपहिया वाहन चालक घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं। वहींं चौपहिया वाहनों की चपेट में आकर कई मवेशियों की मौत भी हो चुकी है। इनके वाहनों की चपेट में आकर घायल होने के बाद मामले को संवेदनशील बनाकर कुछ लोग तो सामने आ जाते हैं लेकिन इन्हें सडक़ों से दूर करने की जहमत कोई नहीं उठाता।
आवारा सांड लोगों के लिए ज्यादा आफत बने हुए है। कई बार तो सडक़ों पर सांड आपस में जोर अजमाइश करते रहते हैं, जिन्हें अलग करने में लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। लड़ते-लड़ते यह सडक़ों से गुजरने वाले वाहन चालक व राहगीरों से भी टकरा जाते हैं। इन मवेशियों के कारण कई बार जाम भी लग जाता है। चालक को अपने वाहन से उतरकर इन्हें हटाना पड़ता है।