Breaking News: घर के बाहर खेल रही मासूम को टॉफी के बहाने खेत पर ले गया किशोर फिर दरिंदगी कर सड़क पर फेंका
जेईई मेन के टॉप 6 स्टूडेंट के समान अंक आए। ऐसे में रैंकिंग सिस्टम के तहत लिस्ट जारी करने के बाद सभी की रैंक अलग-अलग जारी की गई। वर्मा का कहना है कि तय मानकों के अनुसार अगर लिस्ट जारी होती तो पहले दो स्थानों पर रहे दोनों छात्रों की रैंक फर्स्ट होती और पांचवें और छठे स्थान पर रहे छात्रों की रैंक समान पांचवीं होती, लेकिन रैंकिंग के लिए अलग नियम लगाए गए, जिनकी जानकारी परीक्षा ब्रोशर में नही थी।
Read more: चौंकाने वाला खुलासा: फर्जी मंत्री की मेहमान नवाजी में जुटा थर्मल प्रशासन, पुलिस पहुंची तो खिड़की से कूद भागा फर्जी मंत्री
यह है रैकिंग प्रणाली जेईई मैन में कुल समान अंक आने पर टाई होने की स्थिति में गणित विषय के नंबर देखे जाते है। अगर वह भी समान है तो फि जिक्स के और उसके बाद पॉजिटिव व नेगेटिव नंबर के अनुपात के आधार पर रैंक तय की जाती है, लेकिन पहली, दूसरी, पांचवी और छठी रैंक पर रहे बच्चों के तीनों ही प्रणाली के तहत समान अंक आए। इसके बाद भी जो रैंक आई, उसमें वरियता अलग-अलग दी गई। इसमें छठे नंबर पर रहा छात्र रेजोनेंस का था। जिसे पांचवी रैंक मिलनी चाहिए थी।
यह है रैकिंग प्रणाली जेईई मैन में कुल समान अंक आने पर टाई होने की स्थिति में गणित विषय के नंबर देखे जाते है। अगर वह भी समान है तो फि जिक्स के और उसके बाद पॉजिटिव व नेगेटिव नंबर के अनुपात के आधार पर रैंक तय की जाती है, लेकिन पहली, दूसरी, पांचवी और छठी रैंक पर रहे बच्चों के तीनों ही प्रणाली के तहत समान अंक आए। इसके बाद भी जो रैंक आई, उसमें वरियता अलग-अलग दी गई। इसमें छठे नंबर पर रहा छात्र रेजोनेंस का था। जिसे पांचवी रैंक मिलनी चाहिए थी।