इस पर सीईओ ममता तिवाड़ी ने कहा, जिला परिषद की बैठक की तिथि जिला प्रमुख की सहमति से तय की गई, लेकिन बाद में राज्य सरकार की ओर से दूसरे गुरुवार को उपखंड स्तर जनसुनवाई के आदेश आए। ऐसे में कलक्टर को सांगोद जनसुनवाई में जाना पड़ा। इसके बाद जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल ने कलक्टर से फोन पर बात की और बैठक में आने का अनुरोध किया। कलक्टर से बात करके जिला प्रमुख ने सदस्यों को बताया कि सांगोद से कलक्टर सीधे बैठक में आने का प्रयास करेंगे, इसलिए बैठक शुरू करनी चाहिए। इसके बाद बैठक शुरू हुई तो सदस्यों ने अनुपालना रिपोर्ट पर असंतोष जताया। विधायक मदन दिलावर ने पिछली बैठक में रामगंजमंडी में विद्युत से जुड़े हाई रिस्क पाइंट ठीक कराने मांग उठाई थी। इस पर अनुपालना रिपोर्ट में यह अवगत कराया कि हाई रिस्क पाइंट चिह्नित करके ठीक कर दिए गए हैं, लेकिन हकीकत में कार्य हुआ ही नहीं। इस पर विधायक ने आपत्ति जताई। वहीं सीईओ ममता तिवाड़ी ने भी डिस्कॉम के अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कहा, झूठी रिपोर्ट क्यों भेजी, इसमें जिम्मेदारी तय की जाए।
इस पर सीईओ ममता तिवाड़ी ने कहा, जिला परिषद की बैठक की तिथि जिला प्रमुख की सहमति से तय की गई, लेकिन बाद में राज्य सरकार की ओर से दूसरे गुरुवार को उपखंड स्तर जनसुनवाई के आदेश आए। ऐसे में कलक्टर को सांगोद जनसुनवाई में जाना पड़ा। इसके बाद जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल ने कलक्टर से फोन पर बात की और बैठक में आने का अनुरोध किया। कलक्टर से बात करके जिला प्रमुख ने सदस्यों को बताया कि सांगोद से कलक्टर सीधे बैठक में आने का प्रयास करेंगे, इसलिए बैठक शुरू करनी चाहिए। इसके बाद बैठक शुरू हुई तो सदस्यों ने अनुपालना रिपोर्ट पर असंतोष जताया। विधायक मदन दिलावर ने पिछली बैठक में रामगंजमंडी में विद्युत से जुड़े हाई रिस्क पाइंट ठीक कराने मांग उठाई थी। इस पर अनुपालना रिपोर्ट में यह अवगत कराया कि हाई रिस्क पाइंट चिह्नित करके ठीक कर दिए गए हैं, लेकिन हकीकत में कार्य हुआ ही नहीं। इस पर विधायक ने आपत्ति जताई। वहीं सीईओ ममता तिवाड़ी ने भी डिस्कॉम के अधिकारियों की फटकार लगाते हुए कहा, झूठी रिपोर्ट क्यों भेजी, इसमें जिम्मेदारी तय की जाए।