प्रदेश का पहला मोड्यूलर एनआईसीयू बनाया राज्य सरकार ने सरकारी क्षेत्र का प्रदेश का पहला मोड्यूलर एनआईसीयू जेके लोन अस्पताल में बनाया गया। तय मानक अनुसार, यहां एडवांस वेन्टिलेंटर, सीपेप मशीन, मल्टी पैरामॉनिटर, बेड साइड एक्सरे समेत सभी उपकरण जुटाए गए।
यह होता बर्थ एस्फि क्सिया
बर्थ एस्फि क्सिया एक ऐसी बीमारी हैं। जिसमें पैदा होने के बाद नवजात शिशु न तो रो पाता है और न ही सांस ले पाता है। ऐसे में जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है। भारत में नवजात शिशु इकाई में भर्ती कुल बच्चों के एक तिहाई बच्चे इस बीमारी के कारण भर्ती होते है। 16 प्रतिशत बच्चों की इस बीमारी के कारण अकाल मृत्यु होती है।
बर्थ एस्फि क्सिया एक ऐसी बीमारी हैं। जिसमें पैदा होने के बाद नवजात शिशु न तो रो पाता है और न ही सांस ले पाता है। ऐसे में जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है। भारत में नवजात शिशु इकाई में भर्ती कुल बच्चों के एक तिहाई बच्चे इस बीमारी के कारण भर्ती होते है। 16 प्रतिशत बच्चों की इस बीमारी के कारण अकाल मृत्यु होती है।
ऐसे पहल की गई भारत सरकार व इंडिया एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक के माध्यम से संभागवार नर्सिंग व डॉक्टर्स के बार-बार प्रशिक्षण करवाए गए।
अब हर डिलेवरी पर शिशु रोग विशेषज्ञ नियुक्त किए। 24 घंटे एनआईसीयू में डॉक्टर नियुक्त किए।
एनआईसीयू को देखने के लिए वरिष्ठ सहायक आचार्य डॉ. मोहित अजमेरा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. निदा सिद्दीकी की टीम नियुक्त की गई।
अब हर डिलेवरी पर शिशु रोग विशेषज्ञ नियुक्त किए। 24 घंटे एनआईसीयू में डॉक्टर नियुक्त किए।
एनआईसीयू को देखने के लिए वरिष्ठ सहायक आचार्य डॉ. मोहित अजमेरा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. निदा सिद्दीकी की टीम नियुक्त की गई।
चिकित्सक इन बच्चों को 5 साल तक फालोअप करते है। सुनने की जांच भी की जाती है। नियोनेटल हाल बॉडी कूलिंग मशीन
नवजात में इस बीमारी से दिमाग में नुकसान को कम करने के लिए और मानसिक विकास सामान्य बना रहने के लिए नियोनेटल हालबॉडी कूलिंग मशीन खरीदी गई।
नवजात में इस बीमारी से दिमाग में नुकसान को कम करने के लिए और मानसिक विकास सामान्य बना रहने के लिए नियोनेटल हालबॉडी कूलिंग मशीन खरीदी गई।
इनका यह कहना राज्य सरकार ने बेहतर एनआईसीयू का निर्माण करवाया और उपकरण दिए हैं। डॉक्टर व अन्य स्टाफ के सहयोग से टीम बनाकर काम किया। इससे बच्चों को बेहतर उपचार मिल रहा है।
डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल, कोटा
डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल, कोटा
एनआईसीयू में कुल नवजात भर्ती 2020- 3764
2021- 4904 बर्थ एस्फि क्सिया के कुल मरीज भर्ती 2020- 567
2021- 315 जीवित रहना 2020-382
2021-223 (24-11-2021 तक के आंकड़े)
2021- 4904 बर्थ एस्फि क्सिया के कुल मरीज भर्ती 2020- 567
2021- 315 जीवित रहना 2020-382
2021-223 (24-11-2021 तक के आंकड़े)