– मचा हड़कम्प जब पत्रिका संवाददाता अस्पताल में पहुंचा और लैब इंचार्ज के सामने मामले का खुलासा किया तो वहां हड़कम्प मच गया। लैब प्रभारी महेश पंवार ने हाथों-हाथ डिस्पोज़ेबल सीरिंज के पैकेट को डस्टबिन में फेंका। डिस्पोज़ेबल सीरिंज के एक पैकेट में 100 सीरिंज निकलती है। अस्पताल की लैब में प्रतिदिन 100 से 150 सीरिंजों की खपत होती है। अस्पताल में रोजाना करीब 100 से 150 सीरिंजों का उपयोग होता है। स्टोर से ही लैब में इनकी सप्लाई होती है।
– संक्रमण फैलने का खतरा जानकारी के मुताबिक एक्सपायरी सीरिंज के उपयोग से मरीजों व बच्चों में संक्रमण का खतरा फैल सकता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पहले सही बड़ी तादात में इनका उपयोग किया जा रहा होगा।
– मैंने सीरिंजों की निडिल खोलकर फिंकवाने के लिए दी थी, लेकिन लैब में कैसे पहुंची पता नहीं है। यदि लैब में काम में ली जा रही है तो इस काम में लेने के लिए मना करता हूं। एक्सपायरी सीरिंज को फेंक दिया है।
– जैसे ही यह मामला मेरे प्रसंज्ञान में आया है। मैंने लैब व स्टोर में दिखवाकर सारी एक्सपायरी सीरिंजों को फिंकवा दिया है।
– डॉ. एच.एल. मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल