scriptएक्सपायर सीरिंज से फ़ैला रहे थे बीमारी ! जेके लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़ | JK Lone Hospital was spreading illness from expired syringes | Patrika News

एक्सपायर सीरिंज से फ़ैला रहे थे बीमारी ! जेके लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़

locationकोटाPublished: Aug 17, 2019 11:07:52 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

health news अस्पताल की लैब में एक्सपायर हो चुके डिस्पोसिबल सीरिंज का धड़ल्ले से उपयोग

JK Lone Hospital was spreading illness from expired syringes

एक्सपायर सीरिंज से फ़ैला रहे थे बीमारी ! जेके लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़

कोटा. जेके लोन अस्पताल में मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। अस्पताल की लैब में 15 माह पहले एक्सपायर हो चुकी डिस्पोज़ेबलसीरिंज का धड़ल्ले से उपयोग करते पाया गया। शनिवार को जब यह मामला खुला तो लैब इंचार्ज ने हाथों-हाथ एक्सपायर सीरिंजों के सारे पैकेट को डस्टबीन में फेंका।
अस्पताल की लैब में डिस्पोज़ेबल सीरिंज (5 एमएल) के 4 पैकेट मिले, जो मई 2018 में ही एक्सपायर हो चुके। एक्सपायर हुए 15 माह बीत जाने के बाद भी लेब में इनका उपयोग किया जा रहा था।

– मचा हड़कम्प

जब पत्रिका संवाददाता अस्पताल में पहुंचा और लैब इंचार्ज के सामने मामले का खुलासा किया तो वहां हड़कम्प मच गया। लैब प्रभारी महेश पंवार ने हाथों-हाथ डिस्पोज़ेबल सीरिंज के पैकेट को डस्टबिन में फेंका। डिस्पोज़ेबल सीरिंज के एक पैकेट में 100 सीरिंज निकलती है। अस्पताल की लैब में प्रतिदिन 100 से 150 सीरिंजों की खपत होती है। अस्पताल में रोजाना करीब 100 से 150 सीरिंजों का उपयोग होता है। स्टोर से ही लैब में इनकी सप्लाई होती है।

– संक्रमण फैलने का खतरा

जानकारी के मुताबिक एक्सपायरी सीरिंज के उपयोग से मरीजों व बच्चों में संक्रमण का खतरा फैल सकता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पहले सही बड़ी तादात में इनका उपयोग किया जा रहा होगा।

– इनका यह कहना
– मैंने सीरिंजों की निडिल खोलकर फिंकवाने के लिए दी थी, लेकिन लैब में कैसे पहुंची पता नहीं है। यदि लैब में काम में ली जा रही है तो इस काम में लेने के लिए मना करता हूं। एक्सपायरी सीरिंज को फेंक दिया है।
– महेश पंवार, प्रभारी, लैब

– जैसे ही यह मामला मेरे प्रसंज्ञान में आया है। मैंने लैब व स्टोर में दिखवाकर सारी एक्सपायरी सीरिंजों को फिंकवा दिया है।
– डॉ. एच.एल. मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो