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अब नहीं फिरेगा किसानों के अरमानों पर पानी, एक फोन पर ही मिनटों में हो जाएगा काम..

locationकोटाPublished: Apr 08, 2019 08:46:10 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

अच्छी पहल : बिजली के तारों से चिपक कर हार्वेस्टर कर रही अन्नदाता की मेहनत खाक
 

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अब नहीं फिरेगा किसानों के अरमानों पर पानी, एक फोन पर ही हो जाएगा काम..

केस-1

किशनपुरा गांव के माल क्षेत्र में तीन अप्रेल को किसान बनवारी नागर की छह बीघा फसल जलकर खाक हो गई। चश्मदीदों ने बताया कि पड़ौसी के खेतों में खड़ी फसल काटने आई मशीन जैसे ही विद्युत लाइन से नीचे से होकर वह तारों से छू गई। इसके बाद हुई तेज स्पार्र्किंग के बाद सूखी फसल ने आग पकड़ ली।
केस-2
डोल्या पंचायत क्षेत्र के किशनपुरा गांव में खेतों के बीच से होकर गुजर रही 11 केवी लाइन के तार आपस में टच होने से किसान मांगीलाल गरासिया के खेतों में आग लग गई। इससे लगभग 50 गावे जलकर राख हो गए। अचानक धुआं उठता देखा तो आसपास के खेतों में कटाई कर रहे किसान दौड़ पड़े तथा आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि आग खड़ी फसल तक नहीं पहुंची अन्यथा पूरा खेत जलकर राख हो जाता।
केस-3
अरण्डखेड़ा क्षेत्र के दीपपुरा गांव के पास सात अप्रेल को सुबह 9 बजे खेत में लगे ट्रांसफार्मर के जंफर में स्पार्र्किंग होने और उसके बाद चिंगारी के साथ तार टूटकर खेत में गिरने से ग्रामवासी किसान गजानन्द मेघवाल की 12 बीघा गेंहूं की फसल जलकर राख हो गई।
कोटा. बिजली के तारों से उठी चिंगारी अब अन्नदाता की मेहनत खाक नहीं कर सकेगी। जयपुर विद्युत वितरण निगम (जेवीवीएनएल) फसल कटाई के समय बिजली बंद रखेगा। इतना ही नहीं किसान फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर मशीन बुलाने से पहले और बिजली के झूलते हुए तारों से स्पार्र्किंग का अंदेशा होने पर भी बिजली बंद करा सकेंगे। किसानों को दफ्तरों के चक्कर काटे बगैर यह सुविधा महज एक फोन पर मुहैया कराई जाएगी।
हाथों से फसलों की कटाई कराने के बजाय हार्वेस्टर जैसी लंबी चौड़ी मशीनों से चंद घंटों में फसल कटवाने की सुविधा किसानों के लिए मुसीबत का बड़ा सबब बनती जा रही है। जिले में अब तक खड़ी फसलों में आग लगने के 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें से अधिकांश हार्वेस्टर के खेत में घुसते ही बिजली के तारों से टच हो जाने और फिर स्पार्र्किंग के कारण हुई। जेवीवीएनएल के जोनल चीफ इंजीनियर (जेडसीई) खेमराज मीणा इसकी वजह बताते हैं कि हार्वेस्टर मशीन की ऊंचाई 16 से 18 फीट होती है। जबकि बिजली के खंभों पर होकर गुजर रही लाइनों की ग्राउंड क्लीयरेंस भी इसी के बराबर होती है। ऐसे में हार्वेस्टिंग मशीनें जैसे ही लाइन के नीचे से गुजरती हैं तारों से टच हो जाती हैं और उसके बाद स्पार्र्किंग होने की वजह से चिंगारियां खड़ी फसलों पर गिर कर उन्हें जला देती हैं।
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पहले कराएं बिजली बंद
खेमराज मीणा ने बताया कि जिन इलाकों में फसल कटाई चल रही है वहां के विद्युतकर्मियों की सूचना के बाद जेवीवीएनएल इस तरह के हादसे रोकने के लिए सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक 33 केवी से ही बिजली बंद कर रहा है। बावजूद इसके विद्युत लाइनों के आसपास खड़ी फसलों को कटवाने के लिए जो किसान हार्वेस्टर मशीन बुला रहे हैं उनके लिए जेवीवीएनएल ने फोन पर बिजली बंद करवाने की सुविधा देने की शुरुआत की है। इसके लिए किसानों को विद्युत विभाग के दफ्तरों या कर्मचारियों के चक्कर काटने तक की जरूरत नहीं है। बस जेवीवीएनएल के कॉल सेंटर पर फोन करके सूचना भर देनी है कि वह किस समय बिजली बंद करवाना चाहते है। यदि कहीं तार नीचे या ढ़ीले हैं जिनके आपस में टकराने से स्पार्र्किंग की संभावना लग रही है तो उसे भी ठीक कराने के लिए कॉल सेंटर पर सूचना दी जा सकती है। आला अफसर इसकी सीधे निगरानी कर रहे हैं इसलिए किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा।
यहां करें कॉल
जेवीवीएनएल टोल फ्री नंबर: 18001806507

एक्सईएन (डीडी) कोटा – 0744-2327944/6376917465
एक्सईएन (ओएंडएम) सांगोद – 07450-233225/6376917457

एक्सईएन (ओएंडएम) रामगंजमंडी- 07459-222123/6376917570

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