इस तरह किया आद्रा में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य नागेन्द्र प्रतिहस्त बताते हैं कि शुक्रवार सुबह 11.11 बजे सिंह लग्न में आद्रा नक्षत्र में सूर्य ने प्रवेश किया। बरसात के विभिन्न लक्षणों के आधार पर इस वर्ष अन्न उत्पादन कम होने की आशंका है लेकिन चित्रा नक्षत्र के दिन आद्रा प्रवेश दलहन की उपज अच्छी होने का संकेत देती है।
जल : इस वर्ष पुष्कर मेघ रहने वाला है, यह अल्पवृष्टि कारक है। कंदमूल फलों की उपज कम होगी और महंगे दामों में बिंकेंगे। जड़ी बूटियों के उत्पादन में भी कमी रहेगी।
वायु : हवा की तीव्रता पौने 63 प्रतिशत रहेगी। आंधी तूफानों की आशंका। समुद्री तट, पहाड़ी क्षेत्रों में वायु का दबाव अधिक रहेगा, वायु से चलने वाली मशीनों का अधिक उपयोग होगा।
आखिर कब थमेगा दुष्कर्म का ये सिलसिला
अन्न : अन्न स्तंभ 52.75 प्रतिशत रहने के कारण अनाज सामान्य मात्रा में पैदा होगा। गेहूं, चना, चावल, दलहन इत्यादि का आयात करना पड़ सकता है।
रोहिणी का वास संधि में होने से खंड वृष्टि के बाद भी किसानों की मेहनत सूखेगी नहीं। समय का निवास वैश्य के घर रहेगा। अनाज महंगे हो सकते हैं।
अंतरमन का दीप जलाता है योग
शासन : इस वर्ष विरोधकृत नामक संवत्सर रहेगा। यह शासन व प्रजा में विरोधाभास पैदा कर सकता है। वहीं शनि की नजर पश्चिम दिशा में होने से पश्चिमी भाग में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि गंगा दशमी पर हुआ सूर्य का आद्रा प्रवेश शांति के वातावरण का भी संकेत देता है।