केंद्र सरकार ने
राजस्थान को सबसे पहले जयपुर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की सौगात दी थी, लेकिन जमीनों का अधिग्रहण नहीं होने के कारण यह प्रोजेक्ट अभी तक लटका हुआ है, जबकि
नगर विकास न्यास कोटा ने विकास की संभावनाओं का पहले से अंदाजा लगाकर अपने मास्टर प्लान में ही एयरपोर्ट विकसित करने के लिए बूंदी जिले में पडऩे वाले तीन गांवों जाखमुंड, रामपुरिया और तुलसा गांव की करीब 2745 बीघा खाली जमीन पहले से ही आरक्षित कर दी थी। जिसने राजस्थान को पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट देने का रास्ता साफ और बेहद आसान कर दिया।
निर्माण के तीन विकल्प पूरी तरह खाली पड़ी जमीन पर आधारभूत ढांचे से लेकर अत्याधुनिक रनवे तक की सुविधाएं जिन नए हवाई अड्डों पर विकसित की जाती हैं उन्हें ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कहा जाता है। इस तरह के हवाई अड्डे कई साल आगे तक के विकास की योजनाओं को मद्देनजर रखकर तैयार किए जाते हैं। इसके चलते बड़े विमानों और आपातकालीन लैंडिंग जैसी सुविधाओं के साथ-साथ होटल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स और मुसाफिरों के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं भी विकसित की जाती हैं। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सरकार पूरा खर्च उठा सकती है, लेकिन भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए सार्वजनिक साझेदारी (पीपीपी) और निजी या विदेशी निवेश के जरिए भी निर्माण के विकल्प खुले होते हैं।
काया पलट होना तय एविएशन डिपार्टमेंट से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण सार्वजनिक साझेदारी से किया जाएगा। इसमें बड़े पैमाने पर विदेशी निवेश भी शामिल हो सकता है। हवाई अड्डे के निर्माण में निवेश करने वाले प्राइवेट प्रमोटर्स एयरपोर्ट पर विमान सेवाओं का परिचलन बढ़ाने और नए मुसाफिरों को कोटा तक खींचने के लिए मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व जैसे वाइल्ड लाइफ और अन्य टूरिजम सेक्टर को प्रमोट करने के लिए भी निवेश करेंगे। इससे निश्चित ही हाड़ौती के पर्यटन आने वाले सालों में पंख लगने की उम्मीद है।
कोटा पहुंची हाई प्रोफाइल टीम कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण शुरू करने के लिए एविएशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की हाईप्रोफाइल टीम जीएम प्लानिंग मोहम्मद ताजुद्दीन के नेतृत्व में साइट इन्सपेक्शन करने के लिए देर रात कोटा पहुंच गई। गुरुवार को मौका मुआयना करने के बाद एयरपोर्ट को लेकर भावी योजनाओं का खाका खींचा जाएगा। मामला वीवीआईपी लोकसभा क्षेत्र का होने के कारण हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर जल्द ही सभी निर्णय होने की संभावना है।