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रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकाण्ड: अदालत के फैसले पर मां-बाप ने जताया संतोष, जानिए क्या बोले मां-बाप चम्बल नदी पर चार बांध बने हुए हैं। बैराज का निर्माण 1953 में शुरू हुआ था। शिलान्यास का पत्थर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने रखा। 1960 में इसका कार्य पूरा हुआ। बैराज की भराव क्षमता 3961 मिलियन घन फ ीट है।
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1056 विद्यार्थियों को एक साथ मिली उपाधियां तो खिल उठे विद्यार्थियों के चेहरे…देखिए तस्वीरें… 12 करोड़ के प्रस्ताव भेजे
जल संसाधन मंत्री रामप्रताप मंत्री ने विधानसभा में कहा कि बैराज की विशेष मरम्मत एवं पुलिया की मरम्मत के लिए 12.02 करोड़ रुपए के प्रस्ताव केन्द्र सरकार की ‘बांध पुनरूद्धार एवं सुधार परियोजना के तहत तैयार कर भेजे हैं। स्वीकृति के बाद कार्य करवाए जाएंगे।
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फ्लैश बैक: फोन की एक घंटी ने हिलाकर रख दी परिवार की सांसें, बेटे की जान के बदले मांगे थे दो करोड़ विधानसभा में भी उठा मसलाविधायक संदीप शर्मा ने विधानसभा में भी कोटा बैराज के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने का मसला उठाया। विधायक का कहना था कि बांध की मरम्मत के लिए जितने बजट की दरकार है, उसके मुकाबले काफी कम मिलता है। ऐसे में कैसे बांध का जीर्णोद्धार होगा।
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रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकाण्ड: मां-बाप ने जताया संतोष, देखिए अदालत के फैसले के बाद की Exclusive तस्वीरें… बांध के गेटों की तथा रस्सों की मरम्मत तक नहीं हुई है। बैराज की पुलिया काफी क्षतिग्रस्त है। इससे बैराज की सुरक्षा को भी खतरा है। इस पर जल संसाधन मंत्री रामप्रताप ने कहा है कि बांध के गेटों, लोहे के रस्से, तार आदि की आवश्यक मरम्मत समय-समय पर प्राथमिकता से करवाई जाती है। वर्तमान में सभी गेट कार्यशील हैं।