संगठनों का आरोप है कि फिल्म में कोटा शहर को रेप सिटी के तौर पर प्रस्तुत करने की कोशिश की गर्ई है। दरअसल फिल्म में रानी मुखर्जी का किरदार एक सख्त महिला पुलिस अधिकारी का है, ट्रेलर में रानी मुखर्जी को बलात्कार और हत्या से जुड़े मामलों की तहकीकात करते हुए दिखाया गया है। साथ ही कोटा को कोचिंग सिटी बताते हुए देशभर से विद्यार्थियों के यहां आने और इसके देशव्यापी असर का भी जिक्र है। विरोध की एक वजह यह भी है।
नहीं होने देंगे रिलीज़
फिल्म के ट्रेलर से नाराज़ लोगों ने कोटा में फिल्म के पोस्टर जलाए और कोटा का नाम फिल्म से नहीं हटाने पर इसे रिलीज़ नहीं होने की धमकी दी ।
कोटा को बदनाम करने की साजिश
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी व अध्यक्ष क्रांति जैन ने फिल्म का विरोध करते हुए कहा कि यह फिल्म पूरी तरह झूठी व मनगढ़ंत कहानी पर आधारित है। इसमें कोटा का सीधे तौर पर नाम लेकर कोटा की छवि खराब करने की साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से कोटा का नाम हटवाया जाए अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
कोटा में फिल्माए गए है दृश्य
गौरतलब है कि इस फिल्म की शूटिंग कोटा में ही हुई है। लीड कास्ट रानी मुखर्जी समेत वायआरएफ की यूनिट ने कई दिनों तक कोटा में रहकर फिल्म के कई सीन शूट किए गए है। यही वजह थी कि फिल्म को लेकर खास तौर पर कोटा वासियों में उत्सुकता थी लेकिन ट्रेलर के आपत्तिजनक कंटेट ने ही लोगों को निराश कर दिया। फिल्म दिसम्बर के दूसरे हफ्ते में रिलीज होगी।
गौरतलब है कि इस फिल्म की शूटिंग कोटा में ही हुई है। लीड कास्ट रानी मुखर्जी समेत वायआरएफ की यूनिट ने कई दिनों तक कोटा में रहकर फिल्म के कई सीन शूट किए गए है। यही वजह थी कि फिल्म को लेकर खास तौर पर कोटा वासियों में उत्सुकता थी लेकिन ट्रेलर के आपत्तिजनक कंटेट ने ही लोगों को निराश कर दिया। फिल्म दिसम्बर के दूसरे हफ्ते में रिलीज होगी।