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कोटा शहर बनेगा मवेशी मुक्त, पशुपालकों के लिए बसाई आधुनिक टाउनशिप

locationकोटाPublished: Jun 19, 2022 10:28:04 pm

Submitted by:

Jaggo Singh Dhaker

कोटा शहर में पशुपालकों के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना बनने के बाद शहर मवेशी मुक्त हो जाएगा। अब पालतु मवेशी इस क्षेत्र में ही रहेंगे। इस योजना में सामूहिक गृह प्रवेश हुआ।

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कोटा. कोटा शहर में पशुपालकों के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना बनने के बाद शहर मवेशी मुक्त हो जाएगा। अब पालतु मवेशी इस क्षेत्र में ही रहेंगे। इस योजना में रविवार को सामूहिक गृह प्रवेश हुआ। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि इस तरह की देश की पहली योजना कोटा में ही विकसित की गई है। यहां एक साथ पशुपालकों को बसाया गया है। इससे उनका शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक विकास हो सकेगा। साथ ही, कोटा शहर कैटल फ्री भी होगा।
इस तरह की है योजना
105.09 हैक्टेयर भूमि पर बंधा धर्मपुरा क्षेत्र में आवासीय योजना विकसित की गई।
300 करोड़ की लागत से योजना विकसित की गई है।
1227 पशु पालक परिवार मय मवेशी यहां शिफ्ट हाेंगे।
738 आवासों का निर्माण कार्य पूरा कर 501 पशुपालकों को आवंटन कर दिया।
18 से 25 मवेशियों को पालने की क्षमता एक आवास में है।
योजना में ये हैं खास सुविधा
आवास के अग्र भाग में मवेशियों के लिए शेड का निर्माण किया गया।
आवास में पिछले भाग में दो कमरे, रसाईघर, शौचालय, स्नानघर, बरामदा व चारा स्टोर।
डेयरी के लिए 50, भूसे गोदाम के 14, खलचूरी व सामान्य व्यावसायिक उद्देश्य के 112 भूखण्डों का भी नियोजन किया गया।
बिजली के लिए 33 केवी ग्रिड का सब स्टेशन बनाया गया।
पानी की बड़ी टंकी बनाई गई, सीवरेज की व्यवस्था की गई।
अंग्रेजी माध्यम का स्कूल, चिकित्सालय, दुग्ध मंडी, हाट बाजार, सामुदायिक भवन, पुलिस चौकी, चारागृह मैदान बनाया गया।
शहर से सिटी बसों का संचालन रहेगा।
4.79 हैक्टेयर में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होगी। प्रोसेसिंग यूनिट शुरू होते ही पशुपालकों का दुग्ध विक्रय की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
बायोगैस प्लांट बनाया, आमदनी भी होगी
आवासीय योजना में करीब 15 हजार मवेशियों से प्राप्त गोबर के निस्तारण के लिए न्यास की ओर से बायोगैस संयंत्र की स्थापना की गई है। इससे गोबर की दुर्गंध से मुक्ति मिलेगी और पशुपालकों से एक रुपए प्रतिकिलो की दर से बायोगैस संयंत्र के लिए गोबर क्रय किया जाएगा। बायोगैस से उत्पन्न गैस को पाइप लाइन से घरों में सप्लाई किया जाएगा। संयंत्र से गोबर के निस्तारण के साथ जैविक खाद व बायोगैस का भी उत्पादन होगा। अतिरिक्त गैस उत्पादन होने पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड को विक्रय की जाएगी।
मंत्री धारीवाल ने कराया गृह प्रवेश
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने पशुधन की पूजा-अर्चना कर बारिश के बीच पशुपालकों को उनके आवास के कब्जा पत्र व चाबियां सौंपकर योजना में गृह प्रवेश करवाया। इस मौके पर पशुुपालकों में खासा उत्साह देखने को मिला। यहां आयोजित कार्यक्रम में भगवान देवनारायण के जयकारे भी गूंजते रहे।
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