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करोड़ों खर्च, फिर भी प्रारम्भिक शिक्षा में फिसड्डी कोटा

locationकोटाPublished: Jun 06, 2018 03:42:42 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

करोड़ों खर्च, फिर भी प्रारम्भिक शिक्षा में फिसड्डी कोटा

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करोड़ों खर्च, फिर भी प्रारम्भिक शिक्षा में फिसड्डी कोटा

कोटा. हाल ही पांचवीं बोर्ड के परिणाम में सरकारी स्कूलों की अव्वल ग्रेडिंग को लेकर गाल फुला रहे प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के शैक्षिक गुणवत्ता और कड़ी मेहनत के दावों की एसआईआरटी के राज्य स्तर के मूल्यांकन ने पोल खोल दी है। जिले में प्राथमिक कक्षाआें में शैक्षिक स्तर अब भी पैंदे में है।
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सरकार शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही, लेकिन जमीनी स्तर पर फायदा नहीं मिल पा रहा। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान की ओर से जारी प्राथमिक अधिगम स्तर मूल्यांकन में समेकित परीक्षा ग्रेडवार ranking में जिला 28 वें पायदान पर आया है।
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ढकोसला : हर साल 2 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग व सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जिले में २ हजार शिक्षकों को हर साल छह दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें एक शिक्षक पर 6 दिन में 1800 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस तरह, 2 हजार शिक्षकों पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए का खर्चा आ रहा है।

आत्म दिलासा : बनाएंगे प्लानिंग
शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तरीय ranking में गिरावट के बाद अब क्षेत्रवाइज प्लानिंग बनाई जाएगी। इसमें ब्लॉक वाइज बच्चों का डाटा संग्रहण किया जाएगा। पता लगाया जाएगा कि किस ब्लॉक में बच्चों के शैक्षिक स्तर मूल्यांकन में गिरावट आई है। उसके बाद प्लानिंग से शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी के आधार पर सुधार करवाया जाएगा।

बजाए थे सफलता के ढोल
डाइट की ओर से पिछले दिनों जारी प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन-2018 (5th board) के परीक्षा परिणाम विश्लेषण में विभाग ने प्राराम्भिक शिक्षा में सफलता के खूब ढोल बजाए थे। इस परिणाम में जिले में राजकीय व निजी विद्यालयों के कुल 615ए-प्लस ग्रेड व ए ग्रेड में 10965 विद्यार्थी आए। बी-ग्रेड में 11315व सी ग्रेड में 5730 विद्यार्थी आए। इस सफलता में पिछले दो-तीन साल से राजकीय विद्यालय के शिक्षकों व संस्था प्रधानों ने विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति कड़ी मेहनत की दुहाई दी थी। SIRT के मूल्यांकन ने सब पोल खोल दी।

राज्य स्तरीय रैंकिंग में पांचवीं अधिगम स्तर मूल्यांकन में कोटा पीछे है। वह 28 वें पायदान पर है। बच्चों के शैक्षिक मूल्यांकन के लिए क्षेत्रवाइज प्लानिंग बनाई जाएगी, जो भी ब्लॉक कमजोर हैं, उस पर विशेष फोकस रहेगा।
-रणवीर सिंह, उपप्रधानाचार्य, डाइट
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