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तबाही का मंजर देख छलकी आँखे,बिखरे आशियानों को सहेजने पहुंचे,कई में दरारें, कई ढह गए

locationकोटाPublished: Sep 17, 2019 09:44:19 pm

Submitted by:

Suraksha Rajora

kota flood घटने लगा जलस्तर, उजड़ी गृहस्थी को देखने की चिंता
 

kota floodChambal's water level falls destruction in low-lying settlem

तबाही का मंजर देख छलकी आँखे,बिखरे आशियानों को सहेजने पहुंचे,कई में दरारें, कई ढह गए,तबाही का मंजर देख छलकी आँखे,बिखरे आशियानों को सहेजने पहुंचे,कई में दरारें, कई ढह गए

कोटा. जब चम्बल का जलस्तर घटा तो निचले इलाकों की बस्तियों में तबाही की भयानक तस्वीर सामने आई। मंगलवार को सुबह जैसे ही बस्तियों से पानी उतरा तो लोग अपने-अपने घरों की और दौड़ पड़े। घरों में तबाही का मंजर देख लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े। ज्यादातर का सारा सामान खराब हो गया तो कई का सामान पानी में बह गया।
कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, कई में दरारें पड़ गई। लोग घरों में फैले कीचड़ को निकालने में जुटे थे तो कुछ घरों के सामने फैली गंदगी साफ कर रहे थे। नलों में पानी नहीं आने से सफाई के लिए लोगों को महंगे दामों पर टैकर मंगवाने पड़े। जो लोग बाहर चले गए थे वे पानी उतरने की खबर के बाद परिवार सहित लौट रहे थे।
कैसे बसेगी फिर से गृहस्थी
नन्दा की बाड़ी कच्ची बस्ती निवासी मंजू वर्मा ने बताया जब घर लौटे तो यहां तबाही का मंजर था। बाढ़ ने पूरा घर बरबाद कर दिया। घर में रखे कूलर, फ्रीज, डबल बैड, बच्चों की किताबें, कपड़े सब खराब हो गए। सारे दस्तावेज भी गल गए। कमरे में रखा डबल बैड, फ्रीज, कूलर सब अस्त-व्यस्त थे। मंजू को यह चिंता सताए जा रही थी कि अब घर को फिर से कैसे बसाएंगे।
गेंहू फूलने से टंकी फटी

नन्दा की बाड़ी निवासी रामदेव वर्मा ने बताया कि अचानक इतना पानी आया कि घर का कोई सामान बचा ही नहीं पाए। घर में गेहूं से भरी लोहे की टंकी रखी थी। पानी में भीगने से गेहूं फूल गए और लोहे की टंकी फट गई, चारों और गेहूं फैल गया। गेहूं सडऩे की घर में इतनी बदबू है कि यहां पर खड़ा होना भी मुश्किल है। घर में रखे सारे सामान भी बाढ़ के पानी में बह गए।
घरों में फैला कीचड़
नन्दा की बाड़ी निवासी अनिल सोनी ने बताया कि पानी उतरने के बाद दोपहर को घर का दरवाजा खोला तो मकान के अंदर एक फीट तक कीचड़ जमा था। घर में रखी स्कूटी, बाइक सब कीचड़ से सने थे। डबल बैड का एक हिस्सा मकान की सीढिय़ों में ऊपर फंसा हुआ था। चौक में रखा फ्रीज बाहर वाले कमरे में उलटा पड़ा मिला। बिजली के उपकरण भी खराब हो गए।
सब-कुछ बह गया

नन्दा की बाड़ी निवासी विधवा मंशा बाई ने बताया कि मेहनत-मजदूरी कर दो कमरों का कच्चा घर बनाया था। बाढ़ से दीवार गिर गईं। कमरों में रखा सारा सामान बह गया। मंशा बताया कि घर की तबाही देखने के बाद वह निराश होकर वापस आश्रय स्थल में लौट गई। उसका भाई उसे दिलासा देकर वापस वापस घर लेकर आया तो वह कुछ देर तक चुपचाप अपने घर को देखती रही।
दर्जनों मकानों में दरारें
नन्दा की बाड़ी में मकानों में लगातार चार दिन पानी भरा होने से कई मकानों में दरारें आ गई। क्षेत्र के ओमप्रकाश कण्डारा ने बताया कि मेरा मकान ऊंची जगह पर था, इसलिए उसमें पानी नहीं भरा। पास के मकान में पानी भरने से जमीन धंस गई और मकान में बड़ी-बड़ी दर्जनों दरारे पड़ गई। अब इसके गिरने का डर सता रहा है। हेमराज सिंह के मकान में भी दरारें आई हैं। नन्दू हरिजन के मकान में भी फर्श व दीवारों में दारारें पड़ गई। गांवड़ी में भी दर्जनों मकानों का यही हाल है। नयापुरा हरिजन बस्ती राजूलाल खरारा, रणजीत, रामचरण व ओमप्रकाश के मकानों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
नाले के किनारे मकानों का हिस्सा ढहा
रेलवे स्टेशन पर संजय नगर नाले के किनारे नदी के पास बसी बस्ती हुसैनी नगर में मकान ढह गए तो कुछ मकानों में दरारें पड़ गई। मुस्ताक चौधरी के मकान में नाले की तरफ का एक हिस्सा पानी उतरने के कुछ देर बाद ही भरभराकर सौ फीट गहरे नाले में जा गिरा। अब्दुल वहीद के नाले के किनारे बने शौचालय व बाथरूम का चबूतरा भी मिट्टी के कटाव से नाले में जा गिरा। राधा देवी के मकान का कुछ हिस्सा भी नाले में जा गिरा। पिछली बारिश में रोशन बेगम का दो कमरों का नया बना मकान नाले में गिर गया था। बाढ़ के दौरान नाले का जलस्तर बढ़ा तो उसके पास वाले मकान की नींव नीचे बैठने लगी और उसमें दरारें पड़ गई।
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