नन्दा की बाड़ी कच्ची बस्ती निवासी मंजू वर्मा ने बताया जब घर लौटे तो यहां तबाही का मंजर था। बाढ़ ने पूरा घर बरबाद कर दिया। घर में रखे कूलर, फ्रीज, डबल बैड, बच्चों की किताबें, कपड़े सब खराब हो गए। सारे दस्तावेज भी गल गए। कमरे में रखा डबल बैड, फ्रीज, कूलर सब अस्त-व्यस्त थे। मंजू को यह चिंता सताए जा रही थी कि अब घर को फिर से कैसे बसाएंगे।
नन्दा की बाड़ी निवासी अनिल सोनी ने बताया कि पानी उतरने के बाद दोपहर को घर का दरवाजा खोला तो मकान के अंदर एक फीट तक कीचड़ जमा था। घर में रखी स्कूटी, बाइक सब कीचड़ से सने थे। डबल बैड का एक हिस्सा मकान की सीढिय़ों में ऊपर फंसा हुआ था। चौक में रखा फ्रीज बाहर वाले कमरे में उलटा पड़ा मिला। बिजली के उपकरण भी खराब हो गए।
नन्दा की बाड़ी में मकानों में लगातार चार दिन पानी भरा होने से कई मकानों में दरारें आ गई। क्षेत्र के ओमप्रकाश कण्डारा ने बताया कि मेरा मकान ऊंची जगह पर था, इसलिए उसमें पानी नहीं भरा। पास के मकान में पानी भरने से जमीन धंस गई और मकान में बड़ी-बड़ी दर्जनों दरारे पड़ गई। अब इसके गिरने का डर सता रहा है। हेमराज सिंह के मकान में भी दरारें आई हैं। नन्दू हरिजन के मकान में भी फर्श व दीवारों में दारारें पड़ गई। गांवड़ी में भी दर्जनों मकानों का यही हाल है। नयापुरा हरिजन बस्ती राजूलाल खरारा, रणजीत, रामचरण व ओमप्रकाश के मकानों को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
रेलवे स्टेशन पर संजय नगर नाले के किनारे नदी के पास बसी बस्ती हुसैनी नगर में मकान ढह गए तो कुछ मकानों में दरारें पड़ गई। मुस्ताक चौधरी के मकान में नाले की तरफ का एक हिस्सा पानी उतरने के कुछ देर बाद ही भरभराकर सौ फीट गहरे नाले में जा गिरा। अब्दुल वहीद के नाले के किनारे बने शौचालय व बाथरूम का चबूतरा भी मिट्टी के कटाव से नाले में जा गिरा। राधा देवी के मकान का कुछ हिस्सा भी नाले में जा गिरा। पिछली बारिश में रोशन बेगम का दो कमरों का नया बना मकान नाले में गिर गया था। बाढ़ के दौरान नाले का जलस्तर बढ़ा तो उसके पास वाले मकान की नींव नीचे बैठने लगी और उसमें दरारें पड़ गई।