ट्रेफिक रूल्स की एक्स्ट्रा क्लास लोकसभा अध्यक्ष ने गांधीसागर बांध से चम्बल नदी में अत्यधिक पानी की आवक के कारण जलमग्न हुए कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र सहित राजस्थान के अन्य जलमग्न क्षेत्रों की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने जलभराव जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराया।
अधिकारियों ने अध्यक्ष को सूचित किया कि गृह मंत्रालय लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। राहत संबंधी मामलों के समन्वय के लिए अधिकारियों की एक टीम तैनात की गयी है। अध्यक्ष को प्रभावित आबादी को तत्काल आपदा राहत के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों के बारे में भी बताया गया। ये मानदंड राज्य सरकार को तुरंत कार्रवाई करने की अनुमति देते हैं। अधिकारियों ने बताया कि आपदा नियमों के हत 3800 रुपए पीडि़त लोगों को तात्कालीक सहायता तुरंत दी जा सकती है तथा तीस दिन तक प्रभावित लोगों को भोजन व कपड़े के लिए 45 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा सकता है। राज्य सरकार जिन लोगों के मकान बाढ़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके प्रस्ताव आवास प्लस योजना में भेजे तो केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाने के लिए राशि दे सकती है।
होती तो न होते ये हालात, अब देना पड़ेगा जवाब
अधिकारी बोले राज्य सरकार से सम्पर्क में हैं अधिकारियों ने बताया कि हम राज्य सरकार के निरंतर सम्पर्क में हैं और जब भी राज्य सरकार ने हमसे सहायता मांगी, हम उनको हर तरीके से तत्काल सहायता देने को तैयार हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि उन्होंने केन्द्र सरकार के एनडीआरएफ के अंतर्गत और राज्य सरकार के एसडीआरफ के तहत उनको एडवांस में ही आपदा राहत के लिए धनराशि उपलब्ध करा रखी है।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने अधिकारियों से कहा कि वह राज्य सरकार से वार्ता कर तुरंत आपदाग्रस्त इलाकों के अन्दर जिन लोगों के मकान गिर गए हैं और फसलें नष्ट हुई हैं, उनकी सर्वे रिपोर्ट तुरंत मंगाकर सहायता प्रदान करें। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के मकान ध्वस्त हो गए हैं, ऐसे प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत यदि उनका वेटिंग लिस्ट में नाम है तो उन लोगों के मकानों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत कर दिया जाएगा। राज्य सरकार को यह प्रस्ताव भेजना होगा।