हालांकि अभी तिथि निर्धारित नहीं हुई, लेकिन इसमें 50 डॉक्टर्स की टीम जुटेगी, वह 3 हजार महिलाओं का नि:शुल्क जांच कर परामर्श देगी। उनमें कुपोषित महिलाओं का चयन कर उनका चिकित्सा कार्ड बनाया जाएगा। इसमें प्रत्येक महीने कुपोषण को दूर करने के लिए चयनित महिलाओं को उसके अनुसार खुराक दी जाएगी, ताकि गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रहने के साथ होने वाला बच्चा भी स्वस्थ हो सके। इसकी देखरेख पूरे वर्षपर्यंत चलेगी। इसमें नि:शुल्क चिकित्सा सेवाओं के साथ उन्हें संतुलित भोजन के लिए सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।
गौरतलब है कि बिरला के लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद कुपोषण मुक्त कोटा बनाने के आह्वान किया था। इसमें भामाशाहमंडी के व्यापारियों की जनसहभागिता का भी वचन दिलाया था। इस मामले में शुक्रवार को कोटा प्रवास पर रहे लोकसभा अध्यक्ष से उनके आवास पर जनसुनवाई के समय डॉ. योगी के नेतृत्व में चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेेशक डॉ.आरके लवानिया, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शारदा, डॉ. सुनीता योगी, डॉ. रक्षा शर्मा, डॉ. दीप्ति, बाल विकास अधिकारी कृष्णा शुक्ला पूरी टीम उनसे मिली।
विदित रहे कि कुपोषण के लिए जनसहभागिता से दिसम्बर में होने वाले 3 हजार महिलाओं का चिकित्सीय जांच शिविर गिनीज बुक और लिम्का बुक में वल्र्ड रिकॉर्ड दर्ज हो सकता है। इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे है।