एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है। लाइन शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने तक डीपीआर तैयार करने के साथ अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा ताकि जैसे ही पावर ग्रिड की ओर से सहमति मिले, अथॉरिटी तत्काल निर्माण कार्य प्रारंभ कर दे।
हाइटेंशन लाइन के 34 टॉवर होंगे शिफ्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुरूप चिन्हित भूमि की सीमा से चारों दिशाओं में विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे में हाइटेंशन लाइन हटाने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पाेरेशन 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 34 टावर्स को शिफ्ट करेगा। इनके जरिए राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइन्स के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इनके स्थान पर 46 नए टॉवर स्थापित किए जाएंगे, जिन पर 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएंगी।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
बिरला ने पिछली कांग्रेस सरकार पर एयरपोर्ट को लटकाने के लिए निशाना साधा। बिरला ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए भार रहित जमीन उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की परम्परा और दायित्व होता है। जमीन ट्रांसफर करने और बिजली की लाइनें शिफ्ट करने के लिए करीब 127 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देना था, लेकिन 26 मई 2022 से 29 अगस्त 2023 के बीच वन विभाग, एयरपोर्ट अथॉरिटी और पावर ग्रिड कॉर्पाेरेशन की ओर से भेजे गए दो दर्जन से अधिक स्मरण पत्रों के बाद भी महज 21 करोड़ रुपए ही जमा करवाए गए। यदि कांग्रेस सरकार समय पर पैसे जमा करवा देती तो शायद अब तक निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका होता। राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद अब कोटा एयरपोर्ट से जुड़े सभी काम प्राथमिकता से हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ हो।