वर्ष 2019 में कोटा 302 और वर्ष 2018 में 101वें नम्बर पर रहा था। इससे पहले 2017 में 341 वें नम्बर पर रहा है। इस तरह कोटा ने काफी सुधार किया है, लेकिन देश में टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाया। कोटा का 44वां नम्बर 47 शहरों में से है। पिछले वर्षों की तुलना में इस तरह कोटा ने बड़ी छलांग लगाई है। वहीं देश में एक बार फिर से इंदौर ने बाजी मारी है। सरकार द्वारा जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में इंदौर इस साल भी टॉप पर है। वहीं गुजरात का सूरत शहर दूसरे स्थान पर है। इंदौर पिछले तीन साल से टॉप पर रहा है और यह उसका लागातार चौथा साल है। इससे पहले चार बार इस तरह का सर्वेक्षण हो चुका है।
सरकार की इस लिस्ट में तीसरा स्थान नवी मुंबई का है। गंगा किनारे बसे शहरों में उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी अव्वल है। वहीं बिहार की राजधानी पटना सबसे निचले पायदान पर है।
करीब एक महीने चले इस सर्वेक्षण के दौरान एक करोड़ 70 लाख नागरिकों ने स्वच्छता ऐप पर पंजीकरण किया। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से अधिक लोग इससे जुड़े। साढ़े पांच लाख से अधिक सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण योजनाओं से जुड़े और ऐसे 21 हजार स्थानों की पहचान की गई, जहां कचरा पाए जाने की ज्यादा संभावना है।