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बड़ी खबर: कोटा में सरकारी अफसर की एक लापरवाही की कीमत 12.50 लाख, कैसे, पढि़ए खबर

locationकोटाPublished: Jan 15, 2020 01:50:56 am

Submitted by:

​Zuber Khan

कोटा में एमबीएस अस्पताल के अफसर किस तरह से सरकारी खजाने का नुकसान कर रहे हैं। एक लापरवाही से राजस्थान सरकार को 12.50 लाख की चपत लग गई।

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कोटा. एमबीएस अस्पताल प्रशासन को साइकिल स्टैंड के पेटे 12.50 लाख रुपए का फटका लगा है। 10 माह बाद भी ना तो अस्पताल प्रशासन ठेकेदार से वसूली कर पाया ना ही उसके खिलाफ एफ आईआर दर्ज कराई गई। इसके चलते अस्पताल के आरएमआरएस को वित्तीय हानि हुई। मामला संभागीय आयुक्त एलएन सोनी के पास पहुंचा तो उन्होंने रिपोर्ट तलब की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और नयापुरा थाने में पूर्व ठेकेदार के खिलाफ अमानत में ख्यानत का मामला दर्ज कराया।
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ये है मामला
एमबीएस प्रशासन ने 2017 में साइकिल स्टैंड के ठेके की निविदा जारी की थी। इसके तहत सालाना 45 लाख रुपए तय किए थे। ठेकेदार ने सालभर ठेका भी चलाया। अवधि पूरी होने के बाद जब दोबारा टेंडर नहीं निकला तो इसी ठेकेदार को तीन माह का विस्तार दे दिया। इस दौरान ठेका संचालक ने वाहन स्टैंड पर लोगों से वसूली की धरोहर राशि अस्पताल में जमा नहीं करवाई। इस बीच नई निविदा के बाद ठेका किसी ओर को मिल गया। अस्पताल प्रशासन ने भी इस अवधि का पैसा ठेकेदार से नहीं वसूली और आरएमआरएस में 12.50 लाख की चपत लग गई।

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कागजों में खेल!
दरअसल, ठेका अवधि खत्म होने पर अस्पताल प्रशासन ने ठेकेदार
फ र्म की धरोहर राशि रिलीज कर दी, लेकिन 3 माह के विस्तार के दौरान ठेकेदार से से न तो एडवांस चेक लिए ना ही एफ डीआर जमा करवाई। शर्त के मुताबिक तीन माह की अवधि विस्तार के ठेकेदार को 12.50 लाख रुपए एडवांस जमा कराने थे। अस्पताल प्रशासन भी कागजों में खेल करने के चक्कर में बेक डेट में ठेकेदार को नोटिस भेजता रहा, हालांकि चार माह पहले थाने में मामले की लिखित शिकायत भेजी गई थी। इस पर इसलिए कार्रवाई नहीं हुई कि अस्पताल प्रशासन के पास न तो ठेकेदार द्वारा दिया गया चेक था और ना कोई अन्य दस्तावेज।

इनका यह कहना
ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में एमबीएस अस्पताल प्रशासन से रिकॉर्ड भी मांगा है।
मुकेश कुमार, एएसआई एमबीएस चौकी

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