यह था मामला चित्रांश पूर्व सैनिक बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति की ओर से निविदा प्रपत्र के साथ लाइसेंस संख्या 142/2014, जो दिनांक 12 दिसम्बर 2014 को श्रम विभाग की ओर से जारी किया गया था, को डेयरी में निविदा पत्र के साथ जमा किया जाना अंकित है। डेयरी अधिकारियों ने जांच अधिकारी के समक्ष एक ही क्रमांक का अलग-अलग तिथियों में जारी लेबर लाइसेंस की प्रति पेश थी। एक ही नम्बर के दो लाइसेंस एक ही कार्यालय की ओर से पृथक-पृथक दिनांकों में जारी किया जाना संभव नहीं है। सहकारिता विभाग के जांच अधिकारी ने बूंदी के श्रम विभाग कार्यालय से इस प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी मांगी तो पाया कि 12 दिसम्बर 2014 को उनके कार्यालय से चित्रांाश सहकारी समिति को कोई लेबर लाइसेंस जारी नहीं किया गया। लाइसेंस पूर्णतया अवैध पाया गया। उक्त लाइसेंस के फर्जी, कूटरचित एवं अवैध होने की जानकारी प्रबंध निदेशक श्यामबाबू वर्मा और लेखाधिकारी अखिलेश सक्सेना को भी थी, फिर भी दोनों अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस फर्म के पक्ष में निविदा स्वीकृत कर दी।